10 गांवों की 300 बच्चियों को पढ़ा रहीं 20 ग्रेजुएट बेटियां, 5 हजार रुपये मिलती है प्रोत्साहन राशि

10 गांवों की 300 बच्चियों को पढ़ा रहीं 20 ग्रेजुएट बेटियां, 5 हजार रुपये मिलती है प्रोत्साहन राशि

September 23, 2022 Off By NN Express

बैक टू स्कूल अभियान के जरिए 10 गांव की 300 बच्चियों को 20 ग्रेजुएट बेटियां पढ़ा रही हैं। आंकाक्षी जिले के तहत इन गांवों में बच्चियों के स्कूल जाने का सर्वे कराया गया। इस दौरान 1200 बच्चियां स्कूल में नामांकित मिली। लेकिन, इनमें से 300 बच्चियां नामांकन के बाद भी स्कूल नहीं जाती हैं।  इन बच्चियों को स्कूल से जोड़ने के लिए गांवों की ही ग्रेजुएट बेटियों को जिम्मा मिला है। बच्चियों को पढ़ाने के लिए इन बेटियों को पांच हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। हर गांव से 2-2 ग्रेजुएट बेटियों का चयन इन बच्चियों को पढ़ाने के लिए किया गया है।
 
आंकाक्षी जिले के तहत पहले चरण में बिहार में मुजफ्फरपुर के कांटी के 10 गांव में यह पहल की गई है। जिले में नीति आयोग के तहत कार्यरत मो. अकरम ने बताया कि जनसमुदाय के सहयोग से ही बदलाव की यह कोशिश है। इसमें अलग-अलग सामाजिक संगठन की भी मदद ली जा रही है। बैक टू स्कूल अभियान के जरिए इन्हीं गांव की पढ़ी-लिखी बेटियों से बच्चियों को पढ़वा कर वापस उन्हें स्कूल से जोड़ना है। 

उपेक्षा व पढ़ाई समझ में नहीं आना स्कूल छोड़ने का बड़ा कारण : 
नामांकन के बाद बच्चियों के स्कूल छोड़ने के पीछे कई कारण सर्वे में सामने आए हैं। इसके अनुसार मां-बाप की बच्चियों की पढ़ाई के प्रति उपेक्षा एक बड़ा कारण है। वहीं, दूसरा कारण है बच्चियों को अपनी कक्षा के अनुरूप समझ नहीं होना। छठी-सातवीं में नामांकित बच्चियां तीसरी-चौथी की समझ वाली हैं। लगातार स्कूल नहीं जाने के कारण भी यह स्थिति हुई है और बच्चियां इस वजह से भी खुद स्कूल नहीं जाना चाहती। 

हर दिन शाम चार से छह बजे तक लगती है कक्षा :
इन गांवों में ग्रेजुएट बेटियां इन बच्चियों को हर दिन शाम में दो घंटे पढ़ाती हैं। शाम में 4 से 6 बजे तक इनकी कक्षा लगती है। इससे बच्चियों की पढ़ाई भी हो रही है और पढ़ाने वाली बेटियों की पढ़ाई भी बाधित नहीं होती है। मो. अकरम ने बताया कि अन्य प्रखंडों में भी जल्द इसे शुरू किया जाना है।
 
इन गांवों में चल रहा बच्चियों का बैक टू स्कूल : 
बंगरा हरदास, भेरियाही सलोना, मेसाहा, सिंगार फूलकाहां, गोदाई फूलकाहां, विश्वनाथपुर, हरचंदा, हरचंदापुर, रोशनपुर, अनंतकर्जा