विशेष निजी अधिवक्ताओं की नियुक्ति करने पर लगे रोक : क्रिष्टोफर पॉल

विशेष निजी अधिवक्ताओं की नियुक्ति करने पर लगे रोक : क्रिष्टोफर पॉल

January 20, 2023 Off By NN Express

दुर्ग । प्रदेश के विभिन्न न्यायालयों में शासन की ओर से उपस्थित होने वाले अभिभाषकों की नियुक्ति का मुख्य कार्य है, जिसमें दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 24ए के प्रावधान अनुसार शासकीय अधिवक्ताओं की नियुक्ति का प्रावधान है। वैसे शासकीय अधिवक्ता की नियुक्ति के संबंध में विधि विभाग नियमावली के प्रथम भाग में उल्लेख है, जिसके अनुसार उसकी कंडिका 150 में उल्लेखित विधि से प्रस्ताव प्राप्त होते हैं तथा उसके अनुसार शासन की ओर से उनकी नियुक्ति की जाती है।

इसी तरह वर्तमान में विशेष न्यायालयों में उपस्थित होने हेतु भी शासकीय अधिवक्ताओं की नियुक्तियां की जाती हैं। इस संबंध में जिस अधिकरण या प्राधिकरण के सम्मुख अभिभाषक को उपस्थित होना है, उससे संबंधित विभाग अभिभाषक की नियुक्ति हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत करते हैं तथा उन प्रस्तावों पर विचार होकर नस्ती प्रशासकीय अनुमोदन हेतु विधि विभाग के माननीय मंत्री महोदय के सम्मुख जाती है तथा माननीय मंत्री जी के आदेश से व अनुमोदन से इस संबंध में नियुक्ति की जाती है।

छग पैर्रेंट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल ने स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर बताया है कि छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से न्यायालयों में प्रभावी पैरवी करने के लिए राज्य विधि अधिकारियों-सरकारी वकीलों की नियुक्ति किया गया है और उन्हें वेतन भी राज्य सरकारी दे रही है और यह अधिवक्ता उच्च न्यायालय में मामलों को प्रभावी पैरवी करने के लिए पर्याप्त रूप से सक्षम हैं फिर भी जिला शिक्षा अधिकारियों के द्वारा पृथक से हर केस की पैरवी करने के लिए अलग-अलग विशेष निजी अधिवक्ताओं की नियुक्ति कर उन्हें फीस दिया जा रहा है, जबकि सरकारी विभागों द्वारा नियुक्त विशेष निजी अधिवक्ताओं की नियुक्ति से न केवल सरकार के खजाने पर भारी वित्तीय बोझ पड़ता है, बल्कि पहले से तैनात सरकारी अधिवक्ताओं का मनोबल भी गिरता है और उनकी छवि धूमिल होती है।

 पॉल ने प्रमुख सचिव से मांग की है कि डीईओ को विभागीय न्यायालीन प्रकरणों की पैरवी करने विशेष निजी अधिवक्ताओं की नियुक्ति करने पर रोक लगाया जाकर ऐसे सभी डीईओ से रिकवरी करने की मांग की गई है, जो विभाग के न्यायालीन प्रकरणों की पैरवी करने अपने लिए विशेष निजी अधिवक्ताओं की नियुक्ति कर उन्हें मोटी रकम दी जा रही है, जिससे शासन को करोड़ों रूपया का आर्थिक क्षति पंहुच रहा है।