कोयला नरवा उपचार से लाभान्वित हो रहे बसंतपुर किसान

कोयला नरवा उपचार से लाभान्वित हो रहे बसंतपुर किसान

January 11, 2023 Off By NN Express

बलरामपुर,11 जनवरी I “व्यक्ति स्वयं अपने तकदीर को लिखता है” इस कहावत को चरितार्थ किया है, वाड्रफनगर बसंतपुर के किसानों ने। गांव का सबसे पुराना कोयला नाला जिस पर वर्षों से बसंतपुर के किसान आश्रित थे, जो धीरे-धीरे सूखते चला गया, स्थिति ऐसी बनी की छः माह तक तो मवेशियों को पीने का पानी भी बमुश्किल मिल पाता था, उस कोयला नाले को पुर्नजीवित करने का बीड़ा उठाया किसानों ने, और इसमें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना ने हर कदम पर साथ निभाया।

छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजनांतर्गत भू-गर्भीय जल स्त्रोतों के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में नरवा संवर्धन के तहत ठोस प्रयास किये जा रहे हैं, ताकि कृषि संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा मिल सके, वर्षा के जल पर निर्भर किसानों के लिए यह योजना काफी फायदेमंद साबित हो रहा है, कल तक जो किसान वर्षा ऋतु के इंतजार में केवल एक फसल ले पाते थे, ऐसे सभी किसान खरीफ के अलावा रबी फसल का भी लाभ ले रहे हैं। नरवा के माध्यम से सिंचाई सुविधाओं के विस्तार से किसानों की आय में वृद्धि हो रही है। इसी कड़ी में बसंतपुर के कोयला नाला को पुर्नजीवित करने के लिए जिला प्रशासन ने ग्राम पंचायत के ग्रामीणों, किसानों के साथ विस्तृत कार्ययोजना तैयार किया, और आवश्यकतानुसार मनरेगा के वित्तीय सहयोग से गली प्लग, लुज बोल्डर चेक, गैबियन स्ट्रक्चर, भूमिगत डाईक, कूप एवं मिट्टी बांध का निर्माण कराया गया।

कोयला नाला संवर्धन के उपचार उपरांत जहां नरवा पुर्नजीवित हुआ वहीं मिट्टी बांध निर्माण से पर्याप्त जल संरक्षण हो सका, जिससे आसपास के 10 से भी अधिक आदिवासी किसान वर्तमान में 16 एकड़ से भी अधिक रकबा में सिंचाई कर सरसों, गेहूं जैसे अन्य रबी फसल का भी लाभ ले पा रहे हैं। मिट्टी बांध बन जाने से वर्तमान में प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित किसान श्री कतवारी जगते एवं हीरासाय ने बताया कि “जब मिट्टी बांध नहीं था तब धान का फसल ठीक से नहीं ले पा रहे थे, किन्तु बांध बन जाने से इस वर्ष धान की फसल में सिंचाई कर अच्छी पैदावार हुई है तथा रबी मौसम में बांध के पानी से सरसों, गेहूं के साथ अन्य दलहन फसल में भी सिंचाई कर रहे हैं, यह बांध किसानों के लिए वरदान साबित हुआ है।