जैन तीर्थ सम्मेद शिखर अब नहीं बनेगा पर्यटन स्थल, देश भर में प्रदर्शन के बाद फै़सला वापस
January 5, 2023केंद्र सरकार ने गुरुवार को तीन साल पहले जारी अपना आदेश वापस ले लिया. केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी नोटिफिकेशन में सभी पर्यटन और इको टूरिज्म एक्टिविटी पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं.इसके अलावा केंद्र सरकार ने एक समिति बनाई है. इसमें जैन समुदाय के दो और स्थानीय जनजातीय समुदाय के एक सदस्य को शामिल किया जाएगा.केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने गुरुवार को दिल्ली में जैन समाज के प्रतिनिधियों से मीटिंग की. इसके बाद यादव ने कहा, ”जैन समाज को आश्वासन दिया गया है कि पीएम नरेंद्र मोदी जी की सरकार सम्मेद शिखर सहित जैन समाज के सभी धार्मिक स्थलों पर उनके अधिकारों की रक्षा और संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है.”इससे पहले गुरुवार को ही झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने इस पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा था.
दरअसल झारखंड सरकार श्री सम्मेद शिखर जी यानि पार्श्वनाथ (पारसनाथ) पर्वत को धार्मिक पर्यटन क्षेत्र घोषित करने पर विचार कर रही थी. इसके पीछे उसका मकसद ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देना था. सीएम हेमंत सोरेन के निर्देश पर पारसनाथ के अलावा देवघर, रजरप्पा, इटखोरी समेत कुछ और जगहों के लिए नीति तैयार करने पर विचार किया जा रहा था.
जैन समाज का कहना था कि अगर ऐसा होता तो पारसनाथ में होटल और पार्क बनते. लोग दर्शन के साथ छुट्टियां और पिकनिक मनाने भी आते. इससे पवित्र पर्वत पर मांस-मदिरा आदि के सेवन की भी खुली छूट हो जाती. ये युवाओं को मौज मस्ती का अड्डा बन जाता. जैन धर्म में इसकी इजाजत नहीं है.
हालांकि झारखंड सरकार ने पहले ही इस क्षेत्र में मांस-मदिरा के ख़रीद-बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगा रखी है.