Bikeru murder case : सुप्रीम कोर्ट ने खुशी दुबे को दी जमानत

Bikeru murder case : सुप्रीम कोर्ट ने खुशी दुबे को दी जमानत

January 4, 2023 Off By NN Express

लखनउ ,04 जनवरी I सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बिकरू हत्याकांड के सह-आरोपी और मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे के करीबी सहयोगी अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे को जमानत दे दी। 3 जुलाई, 2020 को विकास दुबे को गिरफ्तार करने गए आठ पुलिस कर्मियों की तब मौत हो गई, जब गैंगस्टर और उसके लोगों ने उन पर गोलियां चला दीं। चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस एस. अब्दुल नजीर और पी.एस. नरसिम्हा की बेंच के सामने वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा ने दलील में कहा कि खुशी दुबे अपराध के समय नाबालिग थी और उसे सशर्त जमानत दी जानी चाहिए। मामले में चार्जशीट भी दायर की जा चुकी है। खुशी दुबे पर गैंगस्टर विकास दुबे के सशस्त्र सह-आरोपी को पुलिसकर्मियों को मारने के लिए उकसाने का आरोप था।

जमानत देते हुए पीठ ने कहा कि आरोपी को सप्ताह में एक बार संबंधित थाने के थाना प्रभारी (एसएचओ) के समक्ष पेश होना होगा और साथ ही सुनवाई और जांच में सहयोग करना होगा।  खुशी की शादी को सिर्फ सात दिन हुए थे जब यह घटना हुई थी और पुलिस ने तुरंत बाद उसे गिरफ्तार कर लिया था। खुशी पर पुलिसकर्मियों की मौजूदगी के बारे में बताने का आरोप है, जो विकास दुबे को गिरफ्तार करने गए थे, जिसके बाद घात लगाए बैठे विकास दुबे और उसके गुर्गो ने पुलिस टीम पर हमला बोल दिया। खुशी दुबे के वकील ने कहा कि यह एक निर्दोष व्यक्ति का गलत समय पर गलत जगह पर होने का मामला है क्योंकि घटना के सात दिन पहले ही उसकी शादी अमर दुबे से हुई थी।

बता दें, विकास दुबे 10 जुलाई 2020 को एक मुठभेड़ में मारा गया, जब उसने उज्जैन से कानपुर ले जा रही एक पुलिस गाड़ी से भागने की कोशिश की थी। बैक टू बैक मुठभेड़ों में अमर दुबे और पांच अन्य भी मारे गए। खुशी दुबे के वकील ने अदालत को बताया कि मामले में 100 से अधिक गवाहों का परीक्षण किया जाना था और उनके खिलाफ आरोपों को ध्यान में रखते हुए जमानत देने के लिए यह एक उपयुक्त मामला है। अदालत ने इस तथ्य पर ध्यान दिया कि अपराध के समय आरोपी युवती की उम्र 16 वर्ष थी और यह कहते हुए जमानत दे दी कि निचली अदालत उसकी रिहाई के लिए शर्तें तय करेगी।