ऑनलाइन ठगी : अजाक टीआई को पैनकार्ड का झांसा देकर ठगे सवा तीन लाख

ऑनलाइन ठगी : अजाक टीआई को पैनकार्ड का झांसा देकर ठगे सवा तीन लाख

December 27, 2022 Off By NN Express

जशपुरनगर ,27 दिसंबर I ऑनलाइन ठगी के प्रति लोगों को जागरूक करने वाली पुलिस खुद भी ठगों के झांसे में आ गई। दरअसल कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत अजाक थाना प्रभारी निरीक्षक राम लोचन गुप्ता को ठगों ने पैनकार्ड और नेट बैंकिंग के नाम पर पहले विश्वास जीता। फिर उनके बैंक संबंधित जानकारी हासिल कर एसबीआई खाते से सवा तीन लाख रुपए पार कर दिए। पीड़ित निरीक्षण ने मामले की शिकायत कोतवाली थाने में दर्ज कराई है। बहरहाल पुलिस मामले में ठगों के खिलाफ केस दर्ज कर पतासाजी में जुट गई है।

अजाक थाना प्रभारी निरीक्षक राम लोचन गुप्ता ने कोतवाली पुलिस से की गई शिकायत में बताया है कि 9 अक्टूबर को उनके मोबाइल पर एक काॅल आया था। फोन करने वाले शख्स ने खुद को बैंक कर्मी बताते हुए, उनके स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बैंक खाते में पैन कार्ड लिंक करके नेट बैंकिंग की सुविधा शुरू करने की बात कही। बेहतर सुविधा और समय की बचत की लालच में निरीक्षक राम लोचन गुप्ता ठगों के झांसे में आ गए और ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी करने के लिए ठगों के बताए गए इंस्ट्रक्शन फॉलो किए। निरीक्षक ने संबंधित व्यक्ति को बैंकिंग से जुड़ी सभी गोपनीय जानकारी भी दे दी।

इसके थोड़ी देर बार चंद मिनटों में उनके खाते से तीन किश्तों में 3 लाख 25 हजार रुपए कट गए। पीड़ित निरीक्षक ने तत्काल इसकी सूचना कोतवाली पुलिस को दी। बहरहाल मामले में पुलिस ने अज्ञात ठगों के खिलाफ धारा 420 के तहत अपराध दर्ज कर जांच कर रही है। पूरे मामले में साइबर क्राइम को लेकर आम लोगों को जागरूक करने वाले पुलिस प्रशासन के एक जिम्मेदार अधिकारी के ऑनलाइन ठगी का शिकार हो जाने पर आश्चर्य जताया है। जशपुर पुलिस के सामने अपने अफसर के साथ हुई इस ठगी के मामले को सुलझाने की चुनौती भी खड़ी हो गई है।

आधुनिकता के दौरान में लोग जितनी तेजी से टेक्नोलॉजी को अपना रहे हैं। वहीं कुछ लोग इसका अनैतिक इस्तेमाल कर लाखों रुपए की हेराफेरी भी कर रहे हैं। इनके तरीके इतने सुरक्षित है कि पुलिस भी इन तक नहीं पहुंच पा रही है। अब तक पुलिस सिर्फ गिने-चुने प्रकरणों पर ही ठगों को गिरफ्तार कर सकी है, लेकिन उनके पास भी पीड़ितों के रुपए नहीं मिले। हर माह ठगी के विभिन्न थानों में दर्जन भर से अधिक मामले दर्ज हो रहे हैं, लेकिन इनकी तुलना में ठगों की गिरफ्तारी इक्कादुक्का मामलों में ही हुई है।

बैंक नहीं करती उपभोक्ताओं को फोन ठगी के मामले बढ़ने के बाद बैंक अपने उपभोक्ताओं को फोन करना भी बंद कर दिया है। बैंक के अफसर भी इसकी पुष्टि कर चुके हैं। इसलिए बैंक और खाते से लेनदेन संबंधित आने वाले कॉल को नजरअंदाज करें। यदि ऐसे कॉल आपने ले लिया तो जानकारी या फोन पर आई ओटीपी नंबर शेयर न करे। मन में कोई शंका हो तो इसके लिए आप स्वयं सीधे संबंधित बैंक में जाकर इसकी पुष्टि कर लें। ठगों से बचाव के लिए जागरूकता ही एक मात्र जरिया है।