Indus Public School दीपका में विभिन्न गतिविधियों द्वारा विद्यार्थियों ने ऊर्जा संरक्षण के महत्व को जाना

Indus Public School दीपका में विभिन्न गतिविधियों द्वारा विद्यार्थियों ने ऊर्जा संरक्षण के महत्व को जाना

December 14, 2022 Off By NN Express

DIPKA,14 DECEMBER I पूरे भारत में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस लोगों द्वारा हर साल 14 दिसम्बर को मनाया जाता है। भारत में ऊर्जा संरक्षण अधिनियम वर्ष 2001 में ऊर्जा दक्षता ब्यूरो द्वारा निष्पादित (स्थापित) किया गया। ऊर्जा दक्षता ब्यूरों एक संवैधानिक निकाय है जो भारत सरकार के अंतर्गत आता है और ऊर्जा का उपयोग कम करने के लिए नीतियों और रणनीतियों के विकास में मदद करता है। भारत में ऊर्जा संरक्षण अधिनियम का उद्देश्य पेशेवर, योग्य और ऊर्जावान प्रबंधकों के साथ ही लेखा परीक्षकों को नियुक्त करना है जो ऊर्जा दक्षता परियोजनाओं को लागू करने और ऊर्जा, परियोजनाओं, नीति विश्लेषण, वित्त प्रबंधन में विशेषज्ञ हों। भारत में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस लोगों को ऊर्जा के महत्व के साथ ही साथ बचत, और ऊर्जा की बचत के माध्यम से संरक्षण बारे में जागरुक करना है।

ऊर्जा संरक्षण का सही अर्थ है ऊर्जा के अनावश्यक उपयोग को कम करके कम ऊर्जा का उपयोग कर ऊर्जा की बचत करना है। कुशलता से ऊर्जा का उपयोग भविष्य में उपयोग के लिए इसे बचाने के लिए बहुत आवश्यक है। ऊर्जा संरक्षण की योजना की दिशा में अधिक प्रभावशाली परिणाम प्राप्त करने के लिए हर इंसान के व्यवहार में ऊर्जा संरक्षण निहित होना चाहिए।
इस महत्वपूर्ण विषय पर दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल में ऊर्जा के प्रति बच्चों को सतर्क एवं जागरूक करने ऊर्जा संरक्षण दिवस पर पोस्टर मेकिंग, सेमीनार, प्रश्नोत्तरी, वाद-विवाद जैसे विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें विद्यालय के विद्यार्थियों ने उत्साह पूर्वक हिस्सा लिया । इस कार्यक्रम में कक्षा 11वीं एवं बारहवीं के बच्चों ने फिजिक्स लैब में एक प्रयोग के द्वारा जाना कि हम कैसे ऊर्जा का संरक्षण कर सकते हैं।

कक्षा 11 वीं एवं 12वीं के विज्ञान संकाय के बच्चों ने विषय शिक्षक बिरेंन्द्र गुप्ता के दिशा निर्देशन में यांत्रिक ऊर्जा का विद्युत ऊर्जा में परिवर्तन देखा।साथ ही शिक्षक बिरेंन्द्र गुप्ता ने बताया कि हमारे पास ऊर्जा के बहुत सीमित स्रोत हैं। हमें बहुत ही समझदारी से इनका उपयोग करना चाहिए। कक्षा 11वीं की छात्रा रिया एवं याशिका ने कहा कि हम जल विद्युत,पवन ऊर्जा का उपयोक कर पेट्रोलियम एवे कोयला जैसे सीमित संसाधनों को बचा सकते हैं।उन्होंने कहा कि हम कम दूरी की यात्रा में सायकल का भी प्रयोग कर ऊर्जा के संरक्षण में अपना सहयोग दे सकते हैं।हम घर या कमरे से बाहर जाने पर अंदर की लाइट्स एवं अन्य विद्युत उपकरणों को बंद कर भी ऊर्जा बचा सकते हैं।

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के विषय पर विद्यालय के शिक्षिका प्रज्ञा शुक्ला ने बच्चों को बताया कि ऊर्जा संरक्षण हमारे जीवन के लिए अतिआवश्यक है और ऊर्जा का संरक्षण ही मानव सभ्यता का संरक्षण है । आधुनिक युग विज्ञान का युग है । यदि उपयोग की जाने वाली ऊर्जा एक समय खत्म हो जाएगी तो हमारा जीवन रूक जाएगा । घरों में बिजली का प्रयोग उतना ही जितना कि आवश्यकता होना चाहिए । पेट्रोल ईंधन का संरक्षण हमारे लिए बहुत आवश्यक है । विद्यालय के शिक्षक अमरेन्द्र कुमार ने बच्चों को ऊर्जा संरक्षण के महत्व को बताते हुए कहा की हमारे जीवन में ऊर्जा, जीवन को आरामदायक बनाकर, उत्पादकता बढ़ाकर और हम जिस तरह से जीना चाहते हैं वैसा जीना हमें देकर बहुत ही महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। मानव सभ्यता के ऊषाकाल से हमने लकड़ी, जल, जीवाश्म ईधन आदि का प्रयोग तापन में व मशीनों को कार्य कराने के लिए किया है।

जो भी वस्तुएं हम अपने आस-पास देखते हैं, जो वस्त्र हम पहनते हैं, जो भोजन हम खाते हैं, मकान जिनमें हम रहते हैं, कागज जिस पर हम लिखते हैं, वाहन जिन्हें हम चलाते हैं, इन सभी को किसी प्राकृतिक संसाधन से अंतिम उत्पाद के निर्माण या रूपान्तरण के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। आजकल विद्युत ऊर्जा इतनी महत्त्वपूर्ण हो गई है कि जीवन के लगभग सभी क्षेत्रों में विद्युत की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए, हमारे घरों व कार्यस्थलों पर काम आने वाले विद्युत उपकरणों को चलाने के लिए विद्युत की आवश्यकता होती है। सभी कल-कारखाने व उद्योग विद्युत ऊर्जा के कारण ही चल रहे हैं। अतः हमें हमारी जीवन मंे ऊर्जा का संरक्षण अतिआवश्यक है ।

अंत में विद्यालय के प्राचार्य डाॅ. संजय गुप्ता ने कहा कि मनुष्य आज के आधुनिक युग में अपना विलासिता पूर्ण जिन्दगी में ऊर्जा की महत्वता को भूल कर भविष्य को खतरे में डाल सकता है । ऊर्जा संरक्षण के प्रति मनुष्य हमेशा जागरूक रहे व औरों को भी जागरूक बनाये कि ऊर्जा हमारी जिन्दगी में अहम भूमिका निभाता है । ऊर्जा के महत्व को समझें उसका जीवन में कब और कितना आवश्कतानुसार ही उपयोग में लाया जाए । ऊर्जा बचाओ का अर्थ ऊर्जा संरक्षण से है इसका मूल उद्देश्य ऊर्जा के व्यर्थता को रोकना है । ऊर्जा संरक्षण के विधियों के अंतर्गत ऐसे तरीकों का पालन किया जाता है, जिनके द्वारा कम से कम ऊर्जा की खपत हो जैसे की कम दूरी के लिए कार या बाइक के जगह सार्वजनिक यातायात या साईकल का उपयोग करना, बल्ब के जगह एलईडी बल्ब या सीएफएल का उपयोग करना आदि ।

अपने दैनिक जीवन में इन छोटे-छोटे उपायों को अपनाकर हम कई बड़े परिवर्तन ला सकते हैं और ऊर्जा बचाने में अपना बहुमूल्य योगदान दे सकते हैं । ऊर्जा बचाओ, प्रकृति को स्वच्छ बनाओ । ऊर्जा बचाओ आने वाले कल के लिए संभावनाएं जगाओ । ऊर्जा बचाना मजबूरी नहीं जरूरी है । ऊर्जा बचाने का करो संकल्प, पृथ्वी को बचाने का है यही है विकल्प । ऊर्जा को बचाना है, आने वाले कल को खुशियों से सजाना है । ऊर्जा को बचाओ, पृथ्वी को हरित बनाओ । लोगों को दो ऊर्जा संरक्षण का ज्ञान, इसकी जागरूकता हेतु चलाओ अभियान । आओ सब मिलकर ऊर्जा बचाने हेतु मिलकर करे संघर्ष, इसकी बचत करके जीवन में पायें नया उत्कर्ष ।