छ.ग. शासन की महत्वाकांक्षी राजीव गांधी किसान न्याय योजना से क्षेत्र के कृषकों की आय हुई दुगुनी

छ.ग. शासन की महत्वाकांक्षी राजीव गांधी किसान न्याय योजना से क्षेत्र के कृषकों की आय हुई दुगुनी

December 13, 2022 Off By NN Express

बेमेतरा,13 दिसम्बर I जिला बेमेतरा के नवागढ़ विकास खंड के ग्राम टेमरी के कृषक रघुवीर सोनी पिता गोविंद सोनी, जो क्षेत्र में एक प्रगतिशील किसान है, और समय समय पर कृषि विस्तार अधिकारी से संपर्क कर अपनी मेहनत से और कृषि की नवीन तकनीकी को अपनाते हुये नये आयाम प्राप्त किये है एवं अपनी खेती में हमेशा कुछ नवाचार करने की सोच रखते है। उन्होंने इस खरीफ वर्ष 2022 में अपने पारंपरिक धान महामाया एवं स्वर्णा के बदले अन्य सुगंधित धान लगाने हेतु अपने क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से संपर्क कर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना अंतर्गत फसल पद्धति आधारित एक एकड़ में सुगंधित पान दुबराज सेलेक्शन एक किस्म लगाने का निश्चय किया। जैसा कि वे हर धान फसल को रोपा पद्धति से पट्टी छोड़कर लगाते है, दुबराज धान फसल को भी इसी विधी से लगाया।

उन्होंने बताया किये 20 किलो बीज को लिया और 100 ग्राम बीज उपचार दवा से उपचार किया फिर 8 जून को नर्सरी डाली और उसके 20 दिन बाद लगभग 28 जून को इन्होंने ने खेत में रोपाई किया। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना में कृषि विभाग द्वारा आदान सामाग्री भी प्रदाय की गई जिसे उन्हाने ने दुबराज धान में उपयोग किया साथ ही इस योजना में रबी फसल हेतु चना बीज भी प्रदाय किया गया है, जिसकी बोनी भी उनके द्वारा की जा चुकी है। कृषक रघुवीर सोनी ने उक्त दोनो सुगंधित धान को सहकारी समिति में विक्रय करने के बजाय छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा संचालित राजीव गांधी किसान न्याय योजना में सामान्य धान के बदले सुगंधित धान में पंजीयन कराकर बाहर मंडी में विक्रय करने का निश्चय किया है।

वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी नवागढ़ ने बताया कि इस योजना के प्रावधानानुसार धान के बदले अन्य दलहन-तिलहन फसल, वृक्षारोपण या सुगंधित धान लगाने वाले कृषकों को राजीव गांधी किसान न्याय योजनांतर्गत 10 हजार रूपये प्रति एकड़ आदान सहायता के रूप में प्रदान किया जाता है। कृषक रघुवीर सोनी ने बताया कि उन्हें दुबराज धान से 22 क्वि. प्रति एकड़ का उत्पादन प्राप्त हुआ है, इस तरह उन्हे एक एकड़ में 20000 रूपये अतिरिक्त लाभ प्राप्त होगी। वे अगले वर्ष खरीफ में भी सामान्य धान के बदले सुगंधित धान की खेती करना चाहते है।