KORBA : कटघोरा वन मंडल में एसडीओ और बाबू का राज,तो क्या डीएफओ रबर स्टैम्प!

KORBA : कटघोरा वन मंडल में एसडीओ और बाबू का राज,तो क्या डीएफओ रबर स्टैम्प!

November 30, 2022 Off By NN Express

KORBA,30 NOVEMBER I पुराने घोटालों की गूंज विधानसभा तक लेकिन विपक्ष खामोश तो किसी को क्या गरज,कौन सा खुद की जेब का पैसा का है सरकार के खजाना में वन महकमा खुलेआम डाका डाल रहा है और शीर्ष से लेकर स्थानीय नेतृत्व यहां तक कि विपक्ष भी खामोश है। मुद्दे, शिकायत पहले जिस जोश-खरोश से उठते हैं, उतनी ही तेजी से शांत भी करा दिए जाते हैं और किरकिरी सरकार की होती है। शिकायतकर्ता फिर न जाने कौन सी बिल में घुस जाते हैं और कभी जरूरत पड़ी तो फिर मुद्दा जिंदा कर दिया जाता है। कुछ यही खेल कोरबा जिले के कटघोरा वन मंडल में हो रहा है। कोरबा वन मंडल भी अछूता नहीं है लेकिन शिकवा-शिकायत अभी कटघोरा की है।

दरअसल कटघोरा वनमण्डल में पूर्व डीएफओ ने जो रायता फैलाया,वह आज भी समेटा जा रहा है। बाजार में प्रचलित दर से भी कम दर पर और निर्माण दूरस्थ स्थल तक परिवहन व्यय को जोड़कर भी कम दर से उन्होंने सीमेंट,छड़,गिट्टी की सप्लाई करवाई थी। यह घपला करोड़ों में है जिसमे बिलासपुर के एक चहेते ठेकेदार/सप्लायर से मिलकर वारा न्यारा किया। एक वो सप्लायर था और इधर दूसरी तरफ वो सप्लायर हैं जिनसे काम निकालकर भुगतान नहीं किया जा रहा है। एक सप्लायर मुकेश गोयल को तो न्यायालय जाना पड़ गया जबकि रवैय्ये से त्रस्त एक ठेकेदार ने वनमण्डल परिसर में जान देने की कोशिश तक कर डाली। भ्र्ष्टाचार से खोखले हो रहे वन विभाग में पैसे की कमी का भी रोना रोया जाता है I

तो वहीं फर्जी मजदूरों के नाम धड़ाधड़ पैसे निकल जाते हैं। वर्तमान डीएफओ भी पुराने घपलों की फाइल खोलने से लेकर जांच और कार्यवाही में कुछ खास नहीं कर पा रही हैं। इनकी उदासीनता का पूरा फायदा चंद कर्मी मिलीभगत से उठा रहे हैं।
कटघोरा वनमण्डल में पदस्थ लेखापाल लाला राम के भ्रष्टाचार व भ्रष्ट कार्यशैली से परेशान होकर समस्त मटेरियल सप्लायरों द्वारा डीएफओ को ज्ञापन सौपा गया है। बताया गया सहायक ग्रेड 01 लालाराम टेकाम की भ्रष्ट कार्य प्रणाली से आये दिन सप्लायर एवं मजदूरों के साथ दुर्व्यवहार आम बात हो गई है। वर्ष 2018-19 एवं 2020-21 के पुराने निर्माण कार्यों के शेष बचे भुगतान निकालने के एवज में सप्लायरों से मजबूरी का फायदा उठाते हुये एडवांस में मोटी कमीशन मांगी जाती है।

इनकी बात नहीं मानने पर व्हाउचर गायब करना तथा अधिकारियों को गुमराह कर नॉन टेकनिकल जांच में उलझाकर भुगतान को पेंडिंग करने को धमकी दी जाती है। ये सिलसिला टेकाम बाबू के कटघोरा डिवीजन में पदस्थ होने से अनवरत जारी है जिस कारण पुराने मामले सुलझने की बजाय उलझते जा रहे हैं। वर्तमान में जिन सप्लायरों ने मजबूर होकर इनके मांग पूरा किया, उनका भुगतान बिना एसडीओ, रेंजर एवं नरवा विकास इंजीनियर की जांच प्रतिवेदन के बाद भी साधारण सी नोटशीट में हो गया। जो इनके मांग को पूरा नही किये, उन्हें गुमराह कर महिनों से बेवजह जांच में उलझा कर रख दिया गया है।

सप्लायरों द्वारा भुगतान क्यों नही हुआ पूछने पर गैर जिम्मेदाराना ढंग से कहा जाता है कि मैं तो एक बाबू हूँ, डीएफओ मैडम नहीं चाहती कि आप लोगों का भुगतान हो।दूसरी ओर यह भी कहा जाता है कि एसडीओ को पुराने भुगतान के बारे में बताकर अपने पैर में कुल्हाडी मार लिये हो, एसडीओ को भी एकस्ट्रा कमीशन देना पड़ेगा। ये बातें पिछले महिने तक कही जाती थी, अब ये कहा जा रहा है कि जो भी पेमेंट होगा एसडीओ के द्वारा ही होगा, मैडम में तो भुगतान करने का दम ही नहीं है। सप्लायरों के मुताबकि डीएफओ मैडम द्वारा 10 दिन के भीतर भुगतान कराने का आश्वासन दिया गया था।

इस पर भी टेकाम बाबू द्वारा कहा गया कि किसी भी हालत में आप लोगों के भुगतान कराने के पक्ष में मैडम नहीं हैं सिर्फ बेवकूफ बना रही है। मेरे हिसाब से चलोगे तभी भुगतान होगा।
गौरतलब है कि जिस पद पर पूर्व से ही के.पी. बर्मन बडे बाबू पदस्थ हैं उसी पद पर लालाराम टेकाम की पदस्थापना नियम के विपरीत की गई है, और जब से बडे बाबू टेकाम को (कैम्पा ) शाखा का प्रभारी बनाया गया है, तब से भ्रष्टाचार करने की खुली छूट दी गई है। एक डिवीजन में दो बड़े बाबू का होना सवाल है। लाला राम टेकाम को तत्काल हटाये जाने की मांग की गई है।