छत्तीसगढ़ में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में गौठानों की भूमिका महत्वपूर्ण

छत्तीसगढ़ में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में गौठानों की भूमिका महत्वपूर्ण

November 20, 2022 Off By NN Express

रायपुर, 20 नवंबर । छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना के तहत गांव-गांव में निर्मित गौठान रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) के रूप में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर महिलाओं को स्वावलंबी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इन गौठानों में संचालित आजीविका गतिविधियों से ग्रामीणों को उनके गांव में ही रोजगार मिल रहा है और रोजगार मिलने से महिला समूह आर्थिक रूप से सशक्त होकर आगे बढ़ रही हैं।

विभिन्न स्रोतों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जशपुर नगर के फरसाबहार विकासखंड के बोखी गौठान की लक्ष्मी और दीप स्व सहायता समूह की महिलाएं मुर्गी पालन, बकरी पालन, मछली पालन, खाद निर्माण, चप्पल निर्माण, बाड़ी विकास से अच्छी आमदनी प्राप्त कर रही हैं। महिलाओं ने बताया कि गौठान को 30 एकड़ में विकसित किया गया है। जहां सीजन अनुसार अनेक प्रकार की साग-सब्जी लगाते हैं। इससे उनको अतिरिक्त लाभ भी हो जाता है। गौठान के नजदीक में ही नाले की भी सुविधा दी गई है, जिसका समय-समय पर सिंचाई के लिए उपयोग किया जाता है।

उन्होंने बताया कि 284 क्विंटल खाद का निर्माण किया गया था। इसकी विक्री से 93 हजार रुपये का लाभ हुआ था। इसी प्रकार चप्पल निर्माण से 35 हजार रुपये का लाभ मिला था। बोखी गौठान के सरपंच प्रमोद कुमार पैंकरा ने बताया कि मनरेगा के तहत गौठान के नजदीक नाला को जल सरक्षण संवर्धन के तहत जीर्णोद्धार किया जा रहा है। ताकि गर्मी के मौसम में भी आस-पास किसान नाले के पानी का उपयोग करके खेती-बाड़ी कर सकें। साथ ही गौठानों में भी पानी का उपयोग किया जा सके।

यहीं के बालाछापर गौठान में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) स्थापित कर ग्रामीणों और स्व-सहायता समूहों को ग्रामीण परिवेश के अनुकूल छोटे-छोटे व्यवसायों से जोड़ा गया है। इस रीपा गौठान में जहां गोबर से जैविक खाद बनाने के साथ ही विभिन्न गतिविधियां संचालित की जा रही हैं, वहीं सामुदायिक बाड़ी, मोटर ड्राइविंग यूनिट, मुर्गी-बकरी पालन, तेल प्रसंस्करण यूनिट, आटा मिल, पॉपकॉर्न मशीन, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, मेडिकल वेस्ट डिस्पोज सहित अन्य गतिविधियों के माध्यम से भी रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। गौठान से जुड़ी समूह की सभी महिलाओं द्वारा मल्टी एक्टिविटी के माध्यम से अब तक कुल 8 लाख 7 हजार 264 रुपये की आय अर्जित की गई है।

गोधन न्याय योजना के माध्यम से गौठान में पशुपालकों एवं किसानों से 2 रुपये प्रति किलो की दर से गोबर खरीद की जा रही है, जिससे उन्हें अपने घर-परिवार की छोटी-बड़ी जरूरतें पूरी करने में मदद मिलीं। साथ ही रासायनिक उर्वरकों की कमी से निपटने में भी योजना से मदद मिली है एवं जैविक खेती को प्रोत्साहन भी मिला है। इसी प्रकार गौठान में मेडिकल वेस्ट निपटान के लिए इंसीनरेटर मशीन स्थापित किया गया है।

इस कार्य से जुड़ी राधारानी समूह की महिलाओं द्वारा जिला चिकित्सालय से निकलने वाले बायो मेडिकल कचरे का निपटान एवं डिस्पोज कर 4 लाख 20 हजार एवं स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के कार्य से 55 हजार रुपये की आमदनी प्राप्त की है। साथ ही राधारानी समूह की महिलाओं को पशुपालन विभाग द्वारा मुर्गी पालन के लिए कड़कनाथ, देशी मुर्गी एवं बायलर मुर्गी के चूजे भी प्रदान किए गए है। महिलाओं ने बताया कि उन्हें अब तक 450 नग मुर्गियों के विक्रय से 45 हजार की आय हुई है।

गौठान में मोटर ड्राइविंग प्रशिक्षण यूनिट का संचालन कर रही लक्ष्मी समूह को अब तक 1.41 लाख एवं पॉपकॉर्न उत्पादन से 8 हजार की आय हुई है। गौठान में तेल मिल का संचालन कर रही सखी स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा तेल पेराई, तेल एवं खली के विक्रय से 56,500 रुपये एवं आटा मिल से 12 हजार रुपये की आमदनी हो चुकी है। सामुदायिक बाड़ी विकास का कार्य कर रही सहेली समूह को लगभग 47 हजार की आमदनी हुई है। उनके द्वारा गौठान में सामुदायिक बाड़ी विकसित कर लौकी, करेला, भिंडी, बरबट्टी, टमाटर जैसी ताजी हरी सब्जियों का उत्पादन किया जा रहा है।

महिलाओं ने कहा कि आज वे खुद आत्मनिर्भर बन रही हैं। परिवार के हर छोटे-बड़े कार्य के लिए होने वाले खर्च में अपनी भी भागीदारी सुनिश्चित कर पा रही हैं। बीजापुर के मुरदंडा गौठान के दुर्गा स्व-सहायता समूह को जिला प्रशासन के विशेष सहयोग एवं पशुधन विकास विभाग बीजापुर के मार्गदर्शन में मई 2022 में बीवी 380 लेयर बर्डस 100 नग प्रदान किया गया। स्थापित लेयर बर्डस द्वारा प्रतिदिन 55-60 अंडे का उत्पादन हो रहा है। अभी तक 1602 अंडे की विक्री आंगनबाड़ी केंद्रों में की जा चुकी है। इससे प्रति अंडा 6 रुपये की दर से समूह को 9,006 रुपये की आमदनी हुई। स्थापना माह मई से 20 सितंबर तक कुल 2,158 अंडों का उत्पादन हो चुका है।