तेंदुआ पकड़ने का प्लान फेल, मादा तेंदुए का डमी लगाकर देना था लालच, लगा दी इस जानवर की फोटो

तेंदुआ पकड़ने का प्लान फेल, मादा तेंदुए का डमी लगाकर देना था लालच, लगा दी इस जानवर की फोटो

November 12, 2022 Off By NN Express

कानपुर में स्माल आर्म्स और ऑडिनेंस फैक्टरी में चार दिन से घूम रहे तेंदुए को पकड़ने को वन विभाग और रेस्क्यू टीमों ने शुक्रवार रात अजीब-गरीब कवायद की जो कि फेल हो गई। टीमों ने नर तेंदुए को पकड़ने के लिए पिजड़े में मादा तेंदुए की जगह मादा चीते की फोटो लगा दी। शातिर तेंदुए को अनाड़ी समझने वाले वन विभाग की टीमें सारी रात इस पिंजड़े की निगरानी करती रहीं लेकिन तेंदुआ नहीं आया।पिछले कई दिनों से दहशत का पर्याय बना तेंदुआ नर है इसकी पुष्टि होने के बाद वन विभाग ने उसे फांसने के लिए एक रणनीति बनाई थी। इसके तहत तेंदुए को आकर्षित करने के लिए लोहे के बड़े से पिंजड़े में तेंदुए की डमी (पुतला) को रखने और चिड़ियाघर से मादा तेंदुए की यूरिन लाकर उसका छिड़काव करने की तैयारी की गई थी। इसके अलावा सब कुछ असली लगे इसके लिए ब्लू ट्रूथ स्पीकर के माध्यम से तेंदुए की गुर्राहट को भी गुंजाने के पूरे इंतजाम कर लिए गए थे। दिन भर ढूंढने के बाद भी विभाग को तेंदुए की डमी नहीं मिली तो उन्होंने फ्लैक्स पर उसका चित्र प्रिंट करवा लिया। प्रिंटर ने तेंदुए की जगह मादा चीते की फोटो छाप दी थी।दस फीट दूर से दिखा तेंदुआ रेस्क्यू टीम के डॉ. नासिर के मुताबिक गुरुवार को ओएफसी ने परिसर में झाड़ियां साफ कराने को जेसीबी चलवाई थी। इन्हीं साफ झाड़ियों के गठ्ठर के पास रात करीब साढ़े बारह बजे टीम को तेंदुआ दिखाई दिया। निशाना साधा जाता इससे पहले वह चंपत हो गया। शुक्रवार को स्मालआर्म्स की तरफ और पीछे रेल पटरी की साइड जाल लगवाया गया है।

पिंजड़े, ट्रैप कैमरे तक खरीदेंगे
लगातार दो साल से शहरी क्षेत्र में तेंदुआ आ जाने के कारण वन विभाग को संसाधनों की कमी खलने लगी है। अब तक रेस्क्यू अभियान के लिए जरूरी ट्रैप कैमरे विभाग पीलीभीत से मंगाता रहा है,जबकि ट्रैंकुलाइजर गन चिड़ियाघर से ली जाती है। हालांकि अब विभाग इस बजट से ट्रैंकुलाइजर गन, नए पिंजड़े, सर्च लाइटें, ट्रैप कैमरे और बड़े-बड़े जाल खरीदेगा।तेंदुए के हमले के वीडियो वायरल
शहर में तेंदुए की चहलकदमी के कारण पहले ही लोग दहशत में हैं। ऊपर से कानपुर में लोगों पर तेंदुए के हमले के नाम से वायरल वीडियो लोगों को और भी ज्यादा डरा रहे हैं। चौबीस घंटे में पानीपत, पीलीभीत, खीरी और उत्तराखंड में तेंदुए के हमले के वीडियो को कानपुर से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।

कानपुर को भी मिलेगा तेंदुआ पकड़ने का बजट
पिछले कई दिनों से लाठियों, उधार के ट्रैप कैमरों व पिंजड़ों के दम पर तेंदुआ पकड़ने के लिए जूझने वाला कानपुर का वन विभाग अब जल्द ही अपने खुद के संसाधन खरीदेगा। रास्ता भटक आबादी वाले क्षेत्र में घुस आए बाघ व तेंदुए जैसे जंगली जानवरों से निपटने को शासन से बजट मिलेगा। जिला वन अधिकारी श्रद्धा यादव ने बताया कि कानपुर सामाजिक वानिकी प्रभाग है। यहां अब तक पौधों की नर्सरी बनाने,पौधरोपण कराने, पौधों के संरक्षण के लिए बजट आता रहा है।