जमीन की भूख ने प्राकृतिक जल स्रोतों को किया नष्ट

जमीन की भूख ने प्राकृतिक जल स्रोतों को किया नष्ट

November 8, 2022 Off By NN Express

गोंडा, 08 नवंबर I इंसानों के जमीन भूख की लालसा ने प्राकृतिक जल स्रोतों को नष्ट करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी, जिसका खामियाजा अब पूरे शहर को भुगतना पड़ रहा है। इन अतिक्रमणकारियों की वजह से अक्टूबर माह में हुई बरसात से पूरा शहर जलमग्न हो गया। शासन से लेकर प्रशासन व जनप्रतिनिधियों तक को फजीहत का सामना करना पड़ा। इतना सब कुछ होने के बाद भी जिम्मेदार सिर्फ कागजी घोड़ा दौड़ा रहे हैं।

शहर में तालाबों को पाटकर बड़े-बड़े इमारत खड़े किए जा रहे हैं। नगर पालिका क्षेत्र में नालों को पाटकर दुकान का निर्माण करा लिया गया। इससे शहर के करीब आधा दर्जन से अधिक तालाबों का रिश्ता नालों से समाप्त हो गया। शहर के कुछ तालाबों को पाटकर वर्तमान समय में उस पर प्रतिष्ठित विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। कई बार इन विद्यालयों पर कार्यवाही के लिए लिखा पढ़ी व पैमाइश भी हुई, लेकिन रसूख व पहुंच के आगे सब कुछ फाइलों में दफन हो गया।

अतिक्रमणकारियों की संख्या भले ही अंगुलियों पर हो लेकिन इनके कारनामों का दंश अब पूरे शहर को झेलना पड़ रहा है। शहर में इस बार तो जलभराव ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। स्थिति इतनी खराब हो गई कि लोगों के घरों व दुकानों में एक सप्ताह तक पानी भरा रहा। लोगों को जलभराव से निजात दिलाने के लिए नगरपालिका के जब सारे इंतजाम धराशाई हो गए तो पटेल नगर में लोगों ने चंदा इकट्ठा कर पंपसेट खरीदकर खुद समस्या का समाधान किया।

तालाब व नालों पर बन गए पांच सौ के करीब दुकान व मकान

शहर में तालाब व नालों पर करीब पांच सौ के आसपास दुकान व मकान का निर्माण हो गया। इन अवैध निर्माणों की वजह से पूरे शहर के जल निकासी की व्यवस्था चरमरा गई। नगर पालिका क्षेत्र के अंतर्गत करीब आधा दर्जन बड़े तालाब आते हैं। इन्हीं तालाबों में नालों के माध्यम से पूरे शहर का पानी गिरता था। एक आध बड़ी कार्यवाई को छोड़ दिया जाए तो शहर में अतिक्रमण हटाने के नाम पर अब तक प्रशासन द्वारा सिर्फ खानापूर्ति ही की जाती रही है। जिससे जल निकासी की समस्या दिन प्रतिदिन विकट होती जा रही है।

तालाब पर अतिक्रमण होने के कारण हो रहा जलभराव, आयुक्त को भेजी गई रिपोर्ट

शहर से सटे चड़निया के मजरा बूढ़ा देवर निवासी सौरभ तिवारी ने तालाब पर अतिक्रमण के कारण जलभराव होने संबंधी शिकायत मंडलायुक्त से किया था। आयुक्त ने खंड विकास अधिकारी झंझरी से इसकी जांच कराई। जांच के दौरान पाया गया कि रेलवे स्टेशन व नगर पालिका क्षेत्र का पानी बरसात के समय तालाब में जाता था। तालाब पर अतिक्रमण होने के कारण जल निकासी का मार्ग अवरुद्ध हो गया है। तालाब पर लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है। इसकी पूरी रिपोर्ट आयुक्त को सौंपी गई है। फिलहाल तालाब पर अतिक्रमण अब भी बरकरार है।

तालाबों के अतिक्रमण मुक्त होने की शासन को भेज दी गई रिपोर्ट

भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा प्रशासन से तालाबों की स्थिति के विषय में अवगत कराने के निर्देश दिए गए थे। जिस के क्रम में तत्कालीन जिलाधिकारी द्वारा नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी को पत्र देकर तालाबों के स्थित की जानकारी के साथ-साथ अतिक्रमण मुक्त होने का प्रमाण पत्र देने का निर्देश दिया था। जिस पर नगर पालिका द्वारा नगर क्षेत्र के 6 तालाबों को अतिक्रमण मुक्त होने की रिपोर्ट शासन को भेज दी गई।

नगर पालिका क्षेत्र के तालाबों पर एक नजर

सागर तालाब गाटा संख्या 748 मालवीय नगर क्षेत्रफल 58 बीघा, बिपता तालाब, राधा कुंड मेवतियान गाटा संख्या 804, 821, 808, करीब 40 बीघा, राधाकुंड तालाब गाटा संख्या 702 करीब 11 बीघा, गुरु तालाब इमामबाड़ा गाटा संख्या 1063, 15 बीघा, रितुहिया तालाब, पंतनगर परेड गाटा संख्या 578 साढे 4 बीघा पांडे तालाब पटेल नगर, गाटा संख्या 52 क्षेत्रफल 14 बीघा यह आंकड़ा राजस्व अभिलेखों में दर्ज है, लेकिन मौके की स्थिति कुछ और है।

इस संबंध में अपर जिलाधिकारी सुरेश कुमार सोनी ने बताया कि अवैध निर्माण को लेकर प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है। शहर के भीतर जिन तालाबों पर अतिक्रमण किया गया है। उसकी विस्तृत रिपोर्ट तलब की गई है। जल्द ही अतिक्रमणकारियों को चिनिह्त कर उनके अवैध निर्माण को ध्वस्त कराया जायेगा।