जटगा जन समस्या निवारण शिविर में जल जीवन मिशन के कार्यों में भ्रष्टाचार की गूंज,सरपंच ग्रामीणों ने फर्म ज्योति इलेक्ट्रॉनिक्स के खिलाफ खोला मोर्चा,कहा -19 गांवों में तकनीकी गुणवत्ता ,मापदंडों को नजरअंदाज कर कराया जा रहा काम,शीघ्र जांच कर रोकें भुगतान
November 10, 2024कोरबा -पाली । आकांक्षी जिला कोरबा में जल जीवन मिशन के तहत स्वीकृत कार्यों में ठेकेदार एवं अधिकारियों की जुगलबंदी से तकनीकी मापदंडों, गुणवत्ता को दरकिनार कर मनमाने ढंग से कराए जा रहे कार्यों को लेकर अब ग्रामवासी व जनप्रतिनिधि भी मुखर होने लगे हैं। शुक्रवार को पोंडी उपरोड़ा विकासखण्ड के ग्राम जटगा में आयोजित जन समस्या निवारण शिविर में
पाली ब्लॉक के 19 ग्राम पंचायत में मेसर्स ज्योति इलेक्ट्रॉनिक्स कटघोरा के द्वारा कराए जा रहे निर्माण कार्यों की शिकायत की गई है। सरपंच माखनपुर एवं ग्रामीणों ने फर्म के द्वारा कराए जा रहे कार्यों को तकनीकी मापदंडों के विपरीत गुणवत्ताहीन ,स्तरहीन बताते हुए मामले में अंतर्विभागीय जांच समिति गठित कर 30 दिवस के भीतर जिम्मदारों का चिन्हांकन कर उचित कार्यवाही करने एवं जांच तक आगामी भुगतान राशि रोके जाने की मांग की है। शिकायत से संबंधित फर्म समेत महकमे में खलबली मची है।
पत्र में उल्लेख किया गया है कि
है कि पाली विकास खंड के ग्राम पंचायत कोरबी बतरा , हाथीबाड़ी ,बम्हनीखुर्द ,बड़ेबांका, पोलमी ,चैतमा , चटुवाभौंना, पोड़ी, बनबांधा , पोटापानी, बगधरी ,कुटेलामुंडा , डोंगानाला , ईरफ , मुनगाडीह,शिवपुर, कांजीपनी ,बम्हनीकोना एवं अन्य ग्राम पंचायत में नल जल योजना अंतर्गत शुद्ध पर जल आपूर्ति हेतु 90 एमएम पाइप लगाए गए हैं वह भी जमीन से महज एक से डेढ़ फीट एवं कई जगह ऊपर में ही बिछाया गया है जबकि नियम अनुसार जमीन से 3 फीट गहरा पाइप बिछाया जाना है ।साथ ही पाइप बिछाने के पहले और बाद में रेत डालने का नियम है लेकिन रेत नहीं डाला गया है । ऐसी ही कंक्रीट से बने सीसी रोड को जेसीबी मशीन से खोदकर मिट्टी से पाट दिया गया है। जो वर्षा के बाद मिट्टी से दबकर गड्ढे हो गए हैं इससे ग्रामीणों को आवागमन करने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है इस गड्ढे में दो पहिया वाहन चालक एवं राहगीर आए दिन गिर कर चोटिल हो रहे हैं । यहां पिछले दो साल से आधा अधूरा कार्य कर छोड़ दिया गया है इससे घर में गली में बने चबूतरा नल के लिए बनाया गया केसिंग पाइप और नल की टोटी क्षतिग्रस्त हो रहे हैं।
इसी प्रकार गली के पाइप से घर के नल चैंबर तक लगने वाली पाइप को भी जमीन के ऊपर 5 से 6 इंच में ही लगाया गया जबकि निरय 1 फीट गहरे में लगाने की है इसे कभी भी भारी वाहन उसके ऊपर से गुजरने पर पाइप दबाकर क्षतिग्रस्त होने की आशंका है जिससे कभी भी जल आपूर्ति बाधित हो सकती है।
घर में बनाए गए नल चबूतरा निर्माण करने में महज एक से डेढ़ बोरी सीमेंट से बेस तैयार किया गया है जबकि नियमानुसार ढाई बोरी सीमेंट का उपयोग किया जाना है उक्त महत्वाकांक्षी योजना में जमकर गुणवत्ताविहीन कार्य कर गोलमाल किया जा रहा है जिससे केंद्र सरकार की नल जल की महती योजना को अधिकारी कर्मचारी एवं ठेकेदार के द्वारा धूमिल किया जा रहा है जांच उपरांत बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की पोल खुलेगी। विभागीय अधिकारियों की जुगलबंदी से भ्रष्टाचार का यह खेल खेला जा रहा है। सब इंजीनियर फर्जी मूल्यांकन कर रहे ,एसडीओ दफ्तर में बैठे बिल का भुगतान कर रहे हैं। योजना से ग्रामीणों को पानी नहीं मिल रहा।
अतः महोदय आपसे निवेदन है कि 30 दिवस के भीतर अंतर्विभागीय जांच समिति गठित कर प्रकरण की सूक्ष्मता से जांच किया जावे,जांच उपरांत तक फर्म के आगामी भुगतान पर रोक लगाई जावे।ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि प्रकरण की जांच एवं उचित कार्रवाई नहीं होने पर वे प्रकरण सीधे न्याय हेतु मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाने विवश होंगे। जिसकी समस्त जवाबदेही जिला प्रशासन की होगी।
होगी त्वरित जांच ,उचित कार्रवाई या फिर ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा मामला !
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को चंद माह बचे हैं ऐसे में ग्राम पंचायतों से ही केंद्रीयकृत जलजीवन मिशन योजना की लिखित शिकायत का त्वरित जांच जिला प्रशासन समेत पीएचई विभाग के लिए चुनौती पूर्ण है। संबंधित फर्म के विरुद्ध शिकायत पहली मर्तबा नहीं हुई है इसी साल के शुरुआत में मिशन संचालक जल जीवन मिशन को उपरोक्त कार्यों की तकनीकी मापदंडों ,गुणवत्ता के जांच की लिखित शिकायत की जा चुकी है।जिसकी जांच आज पर्यंत पूरी नहीं की जा सकी है। ऐसे में दूसरी शिकायत को कितना तवज्जो दिया जाता है यह देखना दिलचस्प होगा। हाल ही में उपमुख्यमंत्री ,विभागीय मंत्री अरुण साव ने संभाग स्तरीय बैठक में जल जीवन मिशन के कार्यों की समीक्षा बैठक में कार्यों को तकनीकी मापदंडों , गुणवत्ता अनुरूप निर्धारित समयावधि में पूर्ण करने के निर्देश दिए थे। साथ ही शिकायतों पर त्वरित जांच कार्रवाई के आदेश दिए थे। उक्त आदेशों को कोरबा जिले में अमलीजामा पहनाए जाने की दरकार है।