छत्तीसगढ़ आबकारी घोटाले के झारखंड से जुड़े तार, हाई-प्रोफाइल FIR दर्ज

छत्तीसगढ़ आबकारी घोटाले के झारखंड से जुड़े तार, हाई-प्रोफाइल FIR दर्ज

September 27, 2024 Off By NN Express

रायपुर/रांची । छत्तीसगढ़ आबकारी घोटाले की गूंज अब झारखंड तक पहुंच गई है। इस मामले में रायपुर की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने झारखंड में नई एफआईआर दर्ज की है। मामला झारखंड के मुख्यमंत्री के पूर्व सचिव, आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे और झारखंड के आबकारी विभाग के पूर्व संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह के खिलाफ दर्ज किया गया है। दोनों पर भ्रष्टाचार और सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाने का गंभीर आरोप है।

यह एफआईआर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 2018 के तहत दर्ज की गई है। इसके अलावा, एफआईआर में छत्तीसगढ़ के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और झारखंड में शराब आपूर्ति और मैनपावर के ठेकेदारों को भी आरोपी बनाया गया है। इस मामले में आने वाले दिनों में कई महत्वपूर्ण गिरफ्तारियां होने की संभावना है।

झारखंड को भारी राजस्व नुकसान
एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि झारखंड में शराब सिंडिकेट के आपराधिक षड्यंत्र के कारण राज्य को 2022-23 में भारी राजस्व नुकसान हुआ। जांच में यह सामने आया कि नियमों में फेरबदल कर शराब कंपनियों से करोड़ों रुपये का कमीशन लिया गया। आरोप है कि जनवरी 2022 में छत्तीसगढ़ के शराब माफिया ने झारखंड के अफसरों के साथ मिलकर राज्य में शराब बिक्री के नियमों में बदलाव करवाया, जिससे सिंडिकेट को फायदा हुआ।

झारखंड स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन के एमडी अरुणपति त्रिपाठी को इस घोटाले में कंसल्टेंट बनाया गया और उन्हें झारखंड सरकार द्वारा 1.25 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। एफआईआर में यह भी उल्लेख है कि छत्तीसगढ़ की जांच में एक डायरी मिली थी, जिसमें झारखंड में शराब कारोबार पर कब्जे की साजिश दर्ज थी।

राजनीतिक बवाल और आरोप
एफआईआर दर्ज होते ही झारखंड की सियासत में हलचल मच गई है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने मौजूदा हेमंत सोरेन सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, “यह सरकार अपने कार्यकाल के आखिरी समय में एक और बड़े शराब घोटाले की तैयारी कर रही है। चुनाव के लिए काला धन जुटाने के मकसद से बार-बार शराब नीति में बदलाव किया जा रहा है।”

मरांडी ने आरोप लगाया कि इस बार पंजाब और हरियाणा के शराब माफियाओं को झारखंड में लाने की योजना बन रही है, और इसका मुख्य उद्देश्य चुनाव के दौरान भारी फंड जुटाना और गांव-गांव में शराब बांटना है। उन्होंने कहा कि यह घोटाले की पटकथा जेल से लिखी जा रही है, और सरकार का इरादा अगले तीन साल के लिए शराब ठेकों को बाहरी माफियाओं के हाथों सौंपकर काला धन इकट्ठा करना है।

छत्तीसगढ़ आबकारी घोटाले के तार अब झारखंड से जुड़ने के बाद मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है। झारखंड में इस नई एफआईआर के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है, और आने वाले दिनों में कई बड़े खुलासे और गिरफ्तारियों की उम्मीद जताई जा रही है।