सेमीकंडक्टर की टेक्नोलॉजी ही भारत को आने वाले समय में तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाएगी : जितिन प्रसाद

सेमीकंडक्टर की टेक्नोलॉजी ही भारत को आने वाले समय में तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाएगी : जितिन प्रसाद

September 12, 2024 Off By NN Express

नई दिल्ली । केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि देश को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी की सबसे बड़ी भूमिका होगी।

उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में आयोजित ‘सेमीकॉन इंडिया 2024’ से इतर आईएएनएस से बात करते हुए जितिन प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन और संकल्प की वजह से आज देश-विदेश से सेमीकंडक्टर और साइबर के विशेषज्ञ और सीईओ भारत में आ रहे हैं। सेमी कंडक्टर की टेक्नोलॉजी ही देश को आने वाले समय में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प की बदौलत भारत इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

पीएम मोदी ने ग्रेटर नोएडा में आयोजित ‘सेमीकॉन इंडिया 2024’ का आज शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर विनिर्माण में भारत में निवेश के लिए यह सबसे अच्छा समय है, क्योंकि भारत में वैश्विक कंपनियों का मजबूत इकोसिस्टम मौजूद है। साथ ही बड़ी संख्या में स्किल्ड लोग भी हैं।

पीएम मोदी ने उद्घाटन सत्र में कहा, भारत में चिप में कभी मंदी नहीं होगी, आप हमारी विकास यात्रा में निवेश कर सकते हैं। उन्होंने वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग का आह्वान करते हुए कहा, भारत में आकर निवेश कर वैल्यू क्रिएट करें। हम आपको ग्रोथ के लिए एक इकोसिस्टम उपलब्ध कराएंगे। भारत के पास सेमीकंडक्टर डिजाइन में दुनिया के ग्लोबल टैलेंट का 20 प्रतिशत हिस्सा है। हम 85 हजार की मजबूत सेमीकंडक्टर वर्कफोर्स बना रहे हैं। इसमें तकनीकी विशेषज्ञ, आरएंडडी एक्सपर्ट्स और डिजाइनर शामिल हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक लाख करोड़ रुपये के ‘अनुसंधान फंड’ का उद्देश्य बेसिक रिसर्च और प्रोटोटाइप डेवलपमेंट को समर्थन देना है। इसमें सेमीकंडक्टर भी शामिल है।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भारत एक सुधारवादी सरकार प्रदान करता है, जो एक बढ़ता हुआ विनिर्माण आधार और महत्वाकांक्षी तकनीक-उन्मुख बाजार भी है। हम सेमीकंडक्टर के लिए 85,000 इंजीनियर्स और टेक्नीशियन का एक मजबूत टैलेंट पूल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस उद्देश्य से 113 से ज्यादा यूनिवर्सिटीज, शैक्षणिक और आरएंडडी संस्थाएं जुड़ी हैं।