मेकाहारा में दुर्लभ मेडिस्टाइनल ट्यूमर की सफल सर्जरी, डॉ. साहू एंड टीम ने रचा इतिहास

मेकाहारा में दुर्लभ मेडिस्टाइनल ट्यूमर की सफल सर्जरी, डॉ. साहू एंड टीम ने रचा इतिहास

September 9, 2024 Off By NN Express

रायपुर । पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय के हार्ट, चेस्ट और वैस्कुलर सर्जरी विभाग में दो दुर्लभ और जटिल मेडिस्टाइनल ट्यूमर के सफल ऑपरेशन कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया गया है। विभागाध्यक्ष डॉ. कृष्णकांत साहू के नेतृत्व में की गई इन सर्जरी में क्रमशः 32 वर्षीय और 5 वर्षीय मरीजों के छाती और हृदय के आसपास से बड़े ट्यूमर निकाले गए।

32 वर्षीय मरीज का जटिल ऑपरेशन

डॉ. साहू ने बताया कि 32 वर्षीय मरीज को पिछले 10 महीने से सीने में भारीपन, खांसी और सांस लेने में कठिनाई की शिकायत थी। दो साल पहले बीमारी का पता चला था, लेकिन मरीज ऑपरेशन कराने का साहस नहीं जुटा पा रहा था। मरीज के हृदय के ऊपर 1.5 किलोग्राम का ट्यूमर था, जो बाएं फेफड़े और पल्मोनरी आर्टरी से चिपका हुआ था, जिससे ऑपरेशन बेहद जोखिमपूर्ण था।

मरीज जांजगीर-चांपा का निवासी था और CSEB में वेल्डर का काम करता था। विस्तृत जांच के बाद यह स्पष्ट हुआ कि ट्यूमर हृदय और फेफड़ों के मुख्य भागों से चिपका हुआ था। सर्जरी के दौरान ट्यूमर के साथ आस-पास फैले लिम्फ नोड्स को भी निकाल दिया गया, जिससे भविष्य में कैंसर दोबारा होने की संभावना को खत्म किया जा सके। ऑपरेशन के बाद मरीज स्वस्थ हो गया है और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।

5 वर्षीय बच्चे की दुर्लभ सर्जरी
दूसरे केस में, रायगढ़ के 5 वर्षीय बच्चे के हृदय के ऊपर स्थित 2.5 किलोग्राम के विशाल मेडिस्टाइनल ट्यूमर को सफलतापूर्वक निकाला गया। यह ट्यूमर फेफड़ों, महाधमनी और हार्ट से चिपका हुआ था, जिससे इसकी सर्जरी बेहद चुनौतीपूर्ण थी। कई अस्पतालों ने इस जटिलता के कारण ऑपरेशन करने से इनकार कर दिया था।

डॉ. साहू की टीम ने इस जटिल सर्जरी के लिए बच्चे के सीने और पसलियों पर दोनों तरफ से चीरा लगाकर ट्यूमर को निकाला। ऑपरेशन के दौरान हार्ट-लंग मशीन का उपयोग भी संभावित खतरे को ध्यान में रखकर तैयार रखा गया था। आखिरकार, ट्यूमर को पूरी तरह से सफलतापूर्वक निकाल दिया गया, और बच्चा अब पूरी तरह स्वस्थ है तथा स्कूल भी जाना शुरू कर चुका है।

इन सर्जरी ने न केवल अस्पताल के लिए एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है, बल्कि मेडिस्टाइनल ट्यूमर जैसे गंभीर मामलों में उम्मीद की किरण जगाई है।