बस्तर दशहरा की परंपरा, संस्कृति को संरक्षित करना हमारा दायित्व है : सांसद महेश कश्यप

बस्तर दशहरा की परंपरा, संस्कृति को संरक्षित करना हमारा दायित्व है : सांसद महेश कश्यप

September 4, 2024 Off By NN Express

जगदलपुर। बस्तर दशहरा समिति की बैठक आज जिला कार्यालय के प्रेरणा कक्ष में आयोजित की गई। सांसद एवं बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष महेश कश्यप, विधायक चित्रकोट विनायक गोयल, जिला पंचायत अध्यक्ष वेदवती कश्यप, महापौर सफीरा साहू, जिला पंचायत उपाध्यक्ष मणिराम  कश्यप, जनपद पंचायत अध्यक्ष टी मरकाम, माटी पुजारी बस्तर राजपरिवार के कमलचंद भंजदेव, कलेक्टर विजय दयाराम के., पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रकाश सर्वे, आयुक्त नगर पालिक निगम हरेश मंडावी, तहसीलदार एवं बस्तर दशहरा समिति के सचिव रुपेश मरकाम सहित मांझी, चालकी, मेम्बर, मेम्बरिन, पुजारी और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

बैठक में नए उपाध्यक्ष का मनोनयन किया गया। जिसमें लक्ष्मण मांझी के नाम का प्रस्ताव रखा गया, जिसे सभी मांझियों ने सर्वसम्मति से स्वीकार किया। इस अवसर पर सांसद महेश कश्यप ने नवनियुक्त उपाध्यक्ष को बधाई देते हुए कहा कि बस्तर दशहरा हमारी बहुत पुरानी परंपरा और संस्कृति है, हमारे पूर्वजों ने आमचो बस्तर की स्थानीय संस्कृति, रीति- रिवाज, लोक परंपरा को सहेजकर रखा है। हमे भी इस परंपरा- संस्कृति को संरक्षित  करना है। संस्कृति को आधुनिकता के प्रभाव से बचाना है और नव पीढ़ी को भी परिचित कराना है। दशहरा में सभी समाज की सहभागिता रहती है, दशहरा में अलग-अलग समाज अपने दायित्व का निर्वहन करते है यह सामाजिक एकता का प्रतीक है।

इस दौरान विधायक गोयल ने कहा कि विख्यात बस्तर दशहरा पर्व को सब लोग मिलकर उत्साहपूर्वक मनायेंगे। बस्तर दशहरा पर्व के लिए सभी व्यवस्थाओं को बेहतर ढंग से सुनिश्चित करेंगे। बैठक में माटी पुजारी कमलचंद भंजदेव व ने कहा कि दशहरा में क्षेत्र के देवी-देवताओं और विभिन्न समुदायों की भागीदारी का अद्भुत उदाहरण है।इस पर्व में सभी को आमंत्रण देने की व्यवस्था, मांझी – चालकी की नियुक्ति, देवी देवताओं का आश्रय स्थल की व्यवस्था पर आवश्यक व्यवस्था करने के लिए कहा। इस अवसर पर मांझी-चालाकियों ने भी बस्तर दशहरा की सभी परंपराओं के नियमानुसार पालन तथा इसके सुव्यवस्थित एवं सुरक्षित आयोजन के लिए सुझाव दिए।

बैठक में कलेक्टर विजय दयाराम के. ने  सभी का स्वागत करते हुए बताया कि वर्ष 2023 में ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व के उपयोग की गई बजट और वर्ष 2024 बस्तर दशहरा आयोजन के लिए आबंटित बजट की जानकारी दी। इसके अलावा उन्होंने पुराने तहसील कार्यालय में बनाए जा रहे दसरा पसरा की जानकारी दी, इस दसरा पसरा में प्रशासन द्वारा आदिवासी जनजातियों के संस्कृति एवं इतिहास के संरक्षण हेतु भवन को निर्मित की जा रही है। साथ ही संस्कृति और इतिहास के संबंध में ऑडियो- विजुअल प्रस्तुति दी जाएगी, सांस्कृतिक कार्यक्रम हेतु खुला सभागार, कैफेटेरिया और संचालन समिति हेतु प्रशासनिक भवन के रूप में उपयोग करने की बात बताई साथ ही नकटी सेमरा में एक पेड़ बस्तर के देवी-देवताओं के नाम लगाने की भी जानकारी दी।

नकटी सेमरा में दशहरा वन में एक पेड़ बस्तर के देवी-देवताओ के नाम से पौधरोपण : 

बस्तर दशहरा के आयोजन समिति के बैठक के उपरांत अतिथि और मांझी, चालकी के द्वारा नकटी सेमरा में स्थित दशहरा वन स्थल में 251 पौधों को रोपण किया गया। यह पौधें बस्तर दशहरा में उपयोग की जाने वाली लकड़ी फुल से संबंधित पौधों का रोपण किया गया है। ज्ञात हो कि बस्तर दशहरा हेतु प्रति वर्ष रथ निर्माण के लिए लगभग 200 पेड़ काटा जाता है। रथ निर्माण के लिए कोमी, घमन, पारा, मगरमुही जैसे विभिन्न किस्मों के पेड़ो को काटा गया है। इन पेड़ो की प्रतिपूर्ती हेतु बस्तर दशहरा पर्व 2024 के अन्तर्गत वृक्षारोपण कार्य एक पेड़ बस्तर के देवी-देवताओं के नाम के माध्यम से विभिन्न किस्मों के सामाजिक पुज्यनीय पौधे जैसे साजा आदन, साल (सरगी), महुआ, आम, कसी, सियाडी, भेलवा, सिवना, आम, छिंद, सल्फी बेल, नीम, आंवला, पलास, फरसा, कुड़ई, हजारी कनेर,तेंदू, कुसुम, सागौन, बांस, जामून एवं अन्य प्रकार के पौधे का रोपण किया गया है।