जयंती योग में कृष्ण जन्माष्टमी: जानें जन्माष्टमी की सही तारीख, मुहूर्त और महत्व

जयंती योग में कृष्ण जन्माष्टमी: जानें जन्माष्टमी की सही तारीख, मुहूर्त और महत्व

August 25, 2024 Off By NN Express

-पंडित यशवर्धन पुरोहित

हिंदू धर्म में कृष्ण जन्माष्टमी के पर्व को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व हर वर्ष भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। श्रीमद्भागवत पुराण के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र, लग्न वृषभ राशि और बुधवार की मध्य रात्रि को मथुरा के कारावास में हुआ था। इस दिन कृष्ण भक्त पूरे दिन उपवास करते हैं और मध्यरात्रि के समय बाल गोपाल का जन्म होने के बाद विधिवत रूप से पूजा अर्चना करते हैं। मथुरा, वृंदावन समेत यह पर्व विश्व भर में बहुत उत्साह और उमंग से मनाया जाता है। आइए जानते हैं साल 2024 में कब है कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व…

कृष्ण जन्माष्टमी पर जयंती योग
साल 2024 में कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 26 अगस्त दिन सोमवार को जयंती योग में मनाया जाएगा। जयंती योग में जन्माष्टमी का व्रत करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और भगवान कृष्ण के आशीर्वाद से सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। कहते हैं कि जो व्यक्ति इस योग में जन्माष्टमी का व्रत रखते हैं, उनको बैकुंठ धाम में निवास मिलता है। गृहस्थ जीवन और वैष्णव संप्रदाय वाले इस बार एक ही दिन कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाएंगे।

कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व – साल 2024 में कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 26 अगस्त दिन सोमवार को मनाया जाएगा।
अष्टमी तिथि का प्रारंभ – 26 अगस्त, सुबह 3 बजकर 40 मिनट से
अष्टमी तिथि का समापन – 27 अगस्त, सुबह 2 बजकर 20 मिनट तक
दही हांडी – 27 अगस्त दिन मंगलवार

जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र
रोहिणी नक्षत्र का प्रारंभ – 26 अगस्त, शाम 3 बजकर 55 मिनट से
रोहिणी नक्षत्र का समापन – 27 अगस्त, शाम 3 बजकर 38 मिनट पर

जन्माष्टमी पूजा मुहूर्त 2024
कृष्ण जन्माष्टमी पूजा का मुहूर्त – रात 12 बजे से 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगा, ऐसे में पूजा के लिए आपको 45 मिनट का समय मिलेगा।
व्रत का पारण 27 अगस्त को सुबह 11 बजे तक किया जा सकेगा।

कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व
जब जब पाप और अधर्म हद पार करता है, तब तब भगवान पृथ्वी पर अवतार लेते हैं और अपने भक्तों की रक्षा करते हैं। शास्त्रों के अनुसार, द्वापर युग में अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में ही भगवान विष्णु ने अपना आठवां अवतार श्रीकृष्ण के रूप में लिया था। इस बार यह शुभ तिथि 26 अगस्त दिन सोमवार को है। भगवान कृष्ण मथुरा नगरी में राजकुमारी देवकी और उनके पति वासुदेव के आठवें पुत्र के रूप में अवतरित हुए थे। मान्यता है कि जो व्यक्ति कृष्ण जन्माष्टमी का उपवास करते हैं और विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करते हैं, उनके सभी कष्ट व परेशानी दूर हो जाती है और जीवन में सुख समृद्धि का वास होता है। साथ ही वह व्यक्ति जन्म मरण के बंधन से मुक्त होकर मोक्ष की प्राप्ति करता है।