शहर के मुख्य मार्गो में स्ट्रीट लाइट बंद होने से सड़कों पर रात को पसरा रहता है अंधेरा, तत्काल हो सुधार

शहर के मुख्य मार्गो में स्ट्रीट लाइट बंद होने से सड़कों पर रात को पसरा रहता है अंधेरा, तत्काल हो सुधार

November 3, 2022 Off By NN Express

नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष, वरिष्ठ भाजपा नेता हितानंद अग्रवाल ने निगम आयुक्त प्रभाकर पाण्डेय को पत्र लिख कर शहर के मुख्य मार्गो में बंद पड़ी स्ट्रीट लाइट को तत्काल चालू करवाने की मांग की है |नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल ने कहा कि आज शहर के मुख्य मार्गो में स्ट्रीट लाइटें बंद रहने से सड़कों पर अंधेरा रहता है, इस वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, आए दिन रात को दुर्घटनाएं हो रही हैं, कोरबा शहर की दुर्दशा अपनी चरमसीमा को पार कर चुकी है, 800 करोड़ के सालाना बजट वाले नगर निगम कोरबा में विकास कार्य पूरी तरह ठप पड़ चुके है,

विकास कार्य तो दूर की बात है शहर में लगी स्ट्रीट लाइट बंद हो चुकी है, सड़को पर पूरी तरह अंधेरा छाया हूं, कोरबा को पावर हब के नाम से जाना जाता है किंतु जिस तरह कोरबा के मुख्यमार्गों पर अंधेरा छाया हुआ है वो दिया तले अंधेरे की कहावत को चरित्रार्थ करता है | श्री अग्रवाल ने कहा कि कुछ दिनों पूर्व निगम द्वारा 5000 स्ट्रीट लाइट खरीदी गई थी किंतु वो लाइट कहा गई वो भी एक प्रश्न है, छत्तीसगढ़ सहित कोरबा नगर निगम में कांग्रेस की सरकार है, कोरबा के सांसद, विधायक, महापौर सभी कांग्रेस से है किंतु प्रदेश सहित जिले में सत्ता में होने के बाद कोरबा की जनता लगातार परेशान है, 

कोरबा के महापौर कुंभकरणीय नींद में सोए हुए है, कोरबा की सड़के, नालियां, स्ट्रीट लाइट पूरी तरह खराब हो चुकी है, अंधेरे के कारण लगातार सड़कों में दुर्घटनाओं का भय बना रहता है यदि अतिशीघ्र कोरबा शहर सहित दर्री, बालको, कुसमुंडा की स्ट्रीट लाइट नहीं सुधारी गई तो हम उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे |

गौरतलब है कि कोरबा शहर के रिसदी कोसबाडी मार्ग, रिकांडों रोड, सुनालिया पुल से रेलवे स्टेशन मार्ग सहित अनेक स्थानों पर लगी स्ट्रीट लाइट बंद पड़ी हैं, इस कारण से रात के समय सड़क पर अंधेरा पसरा रहता है, इससे लोगों को निकलने में हमेशा डर लगा रहता है, वही लाखों रुपए खर्च करने बावजूद शाम होते ही शहर की सड़कों और कई मोहल्लों में अंधेरा पसर जाता है, नगर निगम हर वर्ष स्ट्रीट लाइट के मेंटेनेंस पर लाखों रुपये खर्च करता है, बावजूद शहर में करीब 80 फीसदी स्ट्रीट लाइटें बंद ही रहती हैं।