पब्लिक ट्रांसपोर्ट की हालत पर हाईकोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान

पब्लिक ट्रांसपोर्ट की हालत पर हाईकोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान

July 30, 2024 Off By NN Express

परिवहन सचिव से मांगा शपथ-पत्र

बिलासपुर । शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बदहाली और सिटी बसों के संचालन में हो रही देरी को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका पर सुनवाई शुरू की है। हाईकोर्ट ने परिवहन सचिव और कमिश्नर से व्यक्तिगत शपथ पत्र पर जवाब मांगा है कि आम लोगों के लिए इस व्यवस्था में सुधार करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं और ई-बसें कब तक चालू होंगी। अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी।

मीडिया में प्रकाशित खबरों के अनुसार, प्रदेश के 9 शहरों में चल रही 378 बसों में से अब केवल 272 बसें ही रह गई हैं, जिसमें से 106 बसें काम नहीं कर रही हैं और इनमें से सिर्फ 70 से 80 बसें ही सड़क पर चल रही हैं।

हाईकोर्ट की चिंता
शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि सिटी बसें केवल नगरीय निकाय क्षेत्र में ही चलती हैं। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र अग्रवाल ने शासन से पूछा कि प्रदेश में ट्रांसपोर्ट की हालत कब सुधरेगी। उन्होंने कहा कि गाय सड़कों पर चल रही है, प्रदेश में जो बसें अन्य शहरों के लिए चलती हैं उनकी भी हालत खराब है।

कोर्ट का निर्देश
कोर्ट ने शासन से कहा कि छत्तीसगढ़ जैसे बड़े राज्य में बसों की संख्या बहुत कम है। जो बसें चल रही हैं उनमें भी लूटपाट और यात्रियों की सुरक्षा की समस्याएं हैं। कोर्ट ने शासन को न केवल सिटी बस सेवा को सुधारने का निर्देश दिया बल्कि यह भी कहा कि दो शहरों के बीच चलने वाली बस सेवा में भी आवश्यक सुधार लाए जाएं ताकि आम आदमी सुरक्षित और सुविधा से यात्रा कर सके।

भविष्य की योजना
शासन के वकील ने कोर्ट को जानकारी दी कि आने वाले कुछ महीनों में 240 पीएम ई-बसें आएंगी और बस सेवा में सुधार की उम्मीद जताई। इस पर शासन ने परिवहन सचिव व आयुक्त को शपथ-पत्र के साथ जवाब देने के लिए कहा है। अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी।