दिल्ली में भारी बारिश, जल भराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त

दिल्ली में भारी बारिश, जल भराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त

July 26, 2024 Off By NN Express

नई दिल्ली। दिल्ली में मानसूनी बारिश से सड़कों पर जल भराव हो गया है। लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यातायात प्रभावित हुआ है और एक जगह से दूसरी जगह पहुंचने में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है।

शुक्रवार सुबह से हो रही भारी बारिश की वजह से दिल्ली के कई इलाकों में भारी जल भराव हो गया। इससे आम लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया। जल भराव की वजह से कामकाजी लोगों को सबसे ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ा। सड़कों पर भरे पानी की वजह से यातायात प्रभावित हुआ है। आम लोगों का गंतव्य तक पहुंचना मुश्किल हो रहा है।

दक्षिणी दिल्ली के साकेत मेट्रो स्टेशन के बाहर हुए भारी जल-भराव से जनजीवन एक दम रुक गया। लोगों को मेट्रो पकड़ने के लिए सड़क पर भरे कमर तक पानी में घुसकर मेट्रो स्टेशन के अंदर जाना पड़ रहा है।

दिल्ली का पॉश इलाका हो या फिर आम सड़कें भारी बारिश से पूरी दिल्ली जलमग्न है। महरौली से बदरपुर रोड और सफदरगंज इन्क्लेव में सड़कें ऊपर तक भरी हुई हैं। जिससे वाहनों का आवागमन एकदम ठप्प हो गया है। इसके अलावा स्कूल जाने वाले छोटे बच्चे भी जान जोखिम में डाल सड़क पार कर रहे हैं।

साकेत से तीस हजारी कोर्ट जा रही एक महिला ने आईएएनएस से अपना दर्द साझा किया। उन्होंने कहा, सड़कों पर भरे पानी की वजह से बहुत परेशानी होती है। गंतव्य तक पहुंचने में हमेशा डर लगा रहता है कि कहीं पानी के अंदर कोई गड्ढा न हो, जिससे अनहोनी हो जाए।

साकेत मेट्रो के पास ही दुकान लगाने वाले एक व्यक्ति कहते हैं कि मुख्यमंत्री केजरीवाल कहते हैं कि उन्होंने सारे नाले साफ कर दिए, अब इस कमर तक भरे पानी में आप देख लीजिए कि कितने नाले साफ हुए हैं?

बता दें, जल भराव और नालों की सफाई को लेकर हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को भी तलब किया था। दिल्ली हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य सचिव नरेश कुमार से पूछा था कि दिल्ली मे नालों की सफाई कब तक होगी? कोर्ट ने दिल्ली की आबादी को देखते हुए मास्टर प्लान बनाने की भी सलाह दी थी।

कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने नरेश कुमार से ये भी पूछा था कि शहर की जाम नालियों की सफाई करने में कितना समय लगेगा? कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई 3 हफ्ते बाद करेगा। जनहित याचिका आम लोगों और कुछ वकीलों ने की थी।