छत्तीसगढ़: आबकारी आयुक्त को High Court का नोटिस, प्रधान आरक्षक को दे समयमान वेतनमान

छत्तीसगढ़: आबकारी आयुक्त को High Court का नोटिस, प्रधान आरक्षक को दे समयमान वेतनमान

July 25, 2024 Off By NN Express

बिलासपुर, 25 जुलाई । वित्त विभाग के दिशा-निर्देश के बाद भी याचिकाकर्ता आबकारी प्रधान आरक्षक को तृतीय समयमान वेतनमान नहीं दिया जा रहा था। हाई कोर्ट ने आयुक्त, आबकारी विभाग एवं अपर आयुक्त, आबकारी विभाग को नोटिस जारी कर याचिकाकर्ता प्रधान आरक्षक को तृतीय समयमान वेतनमान के साथ ही एरियर्स की राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया है।

कुंजराम ध्रुव ने अधिवक्ता अभिषेक पांडेय एवं देवांशी चक्रवर्ती के माध्यम हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। दायर याचिका में कहा है कि वर्ष 1989 में आबकारी आरक्षक के पद पर प्रथम नियुक्ति हुई थी। वर्ष 2020 में मुख्य आरक्षक के पद पर प्रमोशन हुआ। 62 वर्ष की आयु पूर्ण कर 30 अप्रैल 2024 को सेवानिवृत्त हुए। 30 वर्ष की सेवावधि पूर्ण करने के पश्चात् भी उन्हें तृतीय समयमान वेतनमान प्रदान नहीं किया गया। मामले की सुनवाई जस्टिस सचिन सिंह राजपूत के सिंगल बेंच में हुई।

प्रकरण की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय ने 28 अप्रैल 2008 को राज्य शासन के वित्त विभाग द्वारा जारी सर्कुलर की जानकारी देते हुए बताया कि छग शासन के अधीन शासकीय कर्मचारी 10 वर्ष की सेवावधि पूर्ण होने पर प्रथम समयमान वेतनमान, 20 वर्ष की सेवावधि पूर्ण होने पर द्वितीय समयमान वेतनमान का प्रविधान है। अधिवक्ता ने आठ अगस्त 2018 एवं 25 जनवरी 2021 को वित्त विभाग द्वारा जारी सर्कुलर में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जो शासकीय कर्मचारी एक जनवरी 2016 या उसके पश्चात् 30 वर्ष की सेवावधि पूर्ण कर चुके हैं, वे तृतीय समयमान वेतनमान के पात्र हैं।

याचिकाकर्ता एक जनवरी 2016 के पश्चात् सितबर 2019 में 30 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण कर चुका है, लिहाजा तृतीय समयमान वेतनमान का पात्र है। अधिवक्ता द्वारा पेश किए गए तर्कों पर सहमति जताते हुए हाई कोर्ट ने याचिका को स्वीकार कर आयुक्त, आबकारी विभाग और अपर आयुक्त, आबकारी विभाग, रायपुर को नोटिस जारी कर याचिकाकर्ता को सितंबर 2019 से तृतीय समयमान वेतनमान एवं एरियर्स का भुगतान करने का निर्देश दिया है। इस बीच याचिकाकर्ता को विभाग के समक्ष अभ्यावेदन पेश करने कहा है।