पीके का बड़ा ऐलान : 2025 के विधानसभा चुनाव में जन सुराज सभी 243 सीटों पर लड़ेगी

पीके का बड़ा ऐलान : 2025 के विधानसभा चुनाव में जन सुराज सभी 243 सीटों पर लड़ेगी

July 18, 2024 Off By NN Express

मधेपुरा। कुछ समय पहले प्रशांत किशोर के जन सुराज अभियान को लेकर लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने कड़ा एक्शन लिया। इससे संपर्क में आए राजद के नेताओं पर कार्रवाई शुरू की। अब इस तरह की कार्रवाई क्या दूसरे दलों को भी करना पड़ेगा? ऐसा इसलिए कि अब प्रशांत किशोर ने चुनाव में उतरने का खुला एलान कर दिया है। जन सुराज अभियान के तहत पदयात्रा कर रहे प्रशांत किशोर ने गुरुवार को मधेपुरा में प्रेस वार्ता की। उन्होंने कहा कि बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव में जन सुराज सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। आगामी 2 अक्टूबर को जन सुराज अभियान को राजनीतिक दल के रूप में परिवर्तित कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मैंने घोषणा की है कि मैं इस दल का नेता नहीं हूं। हम पहले नेताओं और राजनीतिक दलों को सलाह देते थे कि किस तरह से संगठित हों, किस तरह से चुनाव अभियान चलाया जाए। वही काम अब 2 अक्टूबर को बनने वाले जन सुराज के लिए करेंगे।

उन्होंने मुकेश सहनी के पिता की हत्या पर चिंता जाहिर की। प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि मुकेश सहनी के पिता की जिस तरह निर्मम हत्या हुई है वह काफी दुखद है। पूरे राज्य में लोगों ने इस पर टिप्पणी की है, मैं भी अपनी संवेदना प्रकट करता हूं। मेरी मुकेश सहनी से फोन पर बात हुई है और मेरे उनसे मित्रवत संबंध भी हैं। किसी भी इंसान के परिवार वालों के साथ ऐसे दुर्दांत घटना हो जाए ये काफी परेशान करने वाला होता है। आज बिहार के समाज में व्यापक स्तर पर जिस तरीके से अपराधियों का जंगलराज बढ़ता जा रहा है यह काफी चिंता का विषय है।

उन्होंने कहा कि यही नीतीश कुमार हैं जिन्हें लोगों ने कानून-व्यवस्था की स्थिति सुधारने का श्रेय दिया था। बिहार में कानून-व्यवस्था 2017-18 से बिगड़ना शुरू हुआ है। कानून-व्यवस्था खराब होने का सबसे बड़ा कारण शराबबंदी रहा है। बिहार में जब शराबबंदी लागू किया गया तो उसका परिणाम ये हुआ कि सामान्य कानून-व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखने वाले प्रशासन का आधा से ज्यादा समय शराबबंदी पर चला गया। आज शराब मंगाने, छिपाने और कमाने में इस्तमाल हो रहा है।

उन्होंने कहा कि बिहार में चपरासी से लेकर मुख्य सचिव तक सब की संख्या अगर जोड़ कर देखा जाए तो 1.97% लोग ही सरकारी नौकरी करते हैं। जो लोग यह दावा कर रहे हैं कि सरकारी नौकरी से आपका जीवन बदल जाएगा। वह बिल्कुल आपको भरमा रहे हैं। आपको गलत सपना दिखा रहे हैं। पिछले 75 सालों में मात्र 1.97% लोगों को सरकारी नौकरी मिली है। यह सिर्फ समाज को लॉलीपॉप दिखाकर वोट लेने की राजनीति है। प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर लोगों को अच्छी शिक्षा, स्किल और काम करने की सुविधा दे दी जाए तो उससे उसकी रोजी रोजगार मिल सकता है।