गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने प्रदेश वासियों को दी छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं

गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने प्रदेश वासियों को दी छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं

November 1, 2022 Off By NN Express

रायपुर ,01 नवंबर I छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने प्रदेशवासियों को 01 नवम्बर को राज्य स्थापना दिवस की बधाई व शुभकामना दी है। गृहमंत्री ने अपने संदेश में कहा है कि प्रदेश की जनता के आशीर्वाद, यशस्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के छत्तीसगढ़ महतारी के प्रति लगाव व सम्मान, एवं राज्य सरकार की मजबूत इच्छाशक्ति के बदौलत छत्तीसगढ़ तेजी से विकास की ओर अग्रसर है। पिछले 4 वर्षों में राज्य में बहुत से ऐसे काम हुए हैं, जो पहले मुमकिन नहीं लग रहे थे। इन 4 वर्षों में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मंशानुरूप सरकार द्वारा विभिन्न जन हितैषी और कल्याणकारी योजनाएं चलायी जा रही हैं।

इनमें बहुत सी योजनाओं पर काम हो गया है या तेजी से काम चल रहा है। राज्य सरकार ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ का संकल्प लेकर दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ आगे बढ़ रही है। प्रदेश सरकार ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परम्परा, संस्कार और संसाधनों को संरक्षित और सवंर्धित करने के साथ ही सुचारू प्रशासन व्यवस्था लागू करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। राज्य सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, सुगम सड़क योजना, राम वन गमन पर्यटन परिपथ, आत्मानंद इंग्लिश स्कूल, महतारी दुलार योजना, छत्तीसगढ़ हाट-बाजार क्लिनिक योजना, इत्यादि जैसे लाभकारी योजनाओं के माध्यम से प्रदेश के भाई-बहनों को एवं वन अधिकार पट्टा, तेंदूपत्ता बोनस और वनोपजों का वाजिब दाम दिलाकर जल, जंगल, जमीन के स्थानीय लोगों को भी लाभ पहुंचाया है।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में हैं, जिससे घर-परिवार के पास ही लोगों को बेहतर रोजगार उपलब्ध हो सके। दो रुपए किलो में गोबर खरीदी और जैविक खाद के निर्माण से बहुत से ग्रामीण, किसान और महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं। नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी को सहेजने के लिए शुरू की गई सुराजी गांव योजना के बहुत अच्छे परिणाम सामने आए हैं। इनके माध्यम से ग्रामीण और किसान स्वावलंबन की ओर अग्रसर हो रहे हैं। कर्ज माफी कर अन्नदाताओं को आर्थिक संबल प्रदान करने के साथ ही राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से उन्हें इनपुट सब्सिडी दी जा रही है। छत्तीसगढ़ के मूल स्वरूप, संस्कृति और परम्परा को बनाए रखते हुए नवा छत्तीसगढ़ बनाने का सपना हम अवश्य साकार कर सकेंगे।