नसों में खराब कोलेस्ट्रॉल को निचोड़कर फेंक देगी ये 2 चीजें, दही के साथ मिक्स करके रोजाना करें सेवन

नसों में खराब कोलेस्ट्रॉल को निचोड़कर फेंक देगी ये 2 चीजें, दही के साथ मिक्स करके रोजाना करें सेवन

July 7, 2024 Off By NN Express

शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने के लिए दही में कुछ चीजों को मिक्स करके खाना काफी लाभकारी हो सकता है। आइए जानते हैं इस बारे में- 

Bad Cholesterol Kaise Kam Kare: खराब कोलेस्ट्रॉल को एलडीएल यानि लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन भी कहा जाता है। ब्लड में एलडीएल का उच्च स्तर आपकी धमनियों को ब्लॉक कर सकता है, जिसकी वजह से ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होती हैं। इसलिए ब्लड में खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कंट्रोल करने के लिए खानपान पर अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है। सही खानपान की मदद से आप ब्लड में कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम कर सकते हैं। गर्मी में दही के सेवन से खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम हो सकता है। वहीं, इसके साथ अगर आप कुछ चीजों को मिक्स करके खाते हैं, तो इससे काफी हद तक आपको लाभ मिल सकता है। आइए जानते हैं ब्लड में खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने के लिए दही के साथ क्या मिक्स करें?

दही के साथ मिक्स करें इसबगोल
दही में थोड़ा सा इसबगोल मिक्स करके खाने से शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम किया जा सकता है। दरअसल, इसबगोल में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, जो शरीर के विषाक्त पदार्थों को कम करने में प्रभावी हो सकते हैं। यह कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम करके ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर कर सकता है। इसके लिए दोपहर के खाने के दौरान 1 कटोरी दही में आधा चम्मच करीब इसबगोल मिक्स कर लें। इसमें चीनी मिक्स किए बिना इसका सेवन करें। इससे काफी लाभ मिलेगा।

दही और गुड़
खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने के लिए दही में गुड़ को मिक्स किया जा सकता है। इसमें आयरन की अच्छी मात्रा होती है, जो शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर करता है। इससे खराब कोलेस्ट्रॉल कम होता है। साथ ही यह समग्र हार्ट बेल्थ के लिए बेस्ट माना जाता है। इसके अलावा शरीर को गर्म रखने में भी यह असरदार हो सकता है।

हमारे लेखों में साझा की गई जानकारी केवल इंफॉर्मेशनल उद्देश्यों से शेयर की जा रही है इन्हें डॉक्टर की सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। किसी भी बीमारी या विशिष्ट हेल्थ कंडीशन के लिए स्पेशलिस्ट से परामर्श लेना अनिवार्य होना चाहिए। डॉक्टर/एक्सपर्ट की सलाह के आधार पर ही इलाज की प्रक्रिया शुरु की जानी चाहिए।