मुनाफे के मामले में बालको एलुमिनियम सबसे आगे, लेकिन सरकार को दिया जीरो प्रतिशत हिस्सेदारी-फूलोंदेवी नेताम

मुनाफे के मामले में बालको एलुमिनियम सबसे आगे, लेकिन सरकार को दिया जीरो प्रतिशत हिस्सेदारी-फूलोंदेवी नेताम

July 7, 2024 Off By NN Express

(कोरबा) मुनाफे के मामले में बालको एलुमिनियम सबसे आगे, लेकिन सरकार को दिया जीरो प्रतिशत हिस्सेदारी-फूलोंदेवी नेताम
कोरबा : बालको एलुमिनियम कंपनी मुनाफे के मामले में देश में सबसे आगे है, लेकिन इस लाभकारी स्थिति के बावजूद, कंपनी ने सरकार को हिस्सेदारी के रूप में शून्य प्रतिशत दिया है। यह मुद्दा फूलोंदेवी नेताम ने सदन में प्रमुखता से उठाकर सरकार और जनता का ध्यान आकर्षित किया है।
बालको एलुमिनियम, जो कि वेदांता समूह की प्रमुख कंपनी है, ने हाल के वर्षों में असाधारण मुनाफा कमाया है। इसके बावजूद, कंपनी की नीति और सरकार को जीरो प्रतिशत हिस्सेदारी देने का निर्णय सवालों के घेरे में है। यह बात विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो जाती है जब हम देखते हैं कि बालको जैसी कंपनियों को सरकार की नीतियों और संसाधनों का लाभ मिलता है, लेकिन इसके बावजूद सरकार को हिस्सेदारी नहीं दी जाती।

  • पूर्व राज्यसभा सांसद सरोज पांडे ने उठाया था मामला
    पूर्व राज्यसभा सांसद सरोज पांडे ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे को सदन में उठाते हुए कहा था कि बालको एलुमिनियम जैसी कंपनियों को सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं और नीतिगत समर्थन का लाभ मिल रहा है, लेकिन इसके बावजूद वे सरकार को कोई हिस्सेदारी नहीं दे रहे हैं। यह न केवल सरकार के लिए राजस्व का नुकसान है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि निजी कंपनियां कैसे सरकारी संसाधनों का उपयोग कर अपने लाभ को बढ़ा रही हैं।
  • फूलोदेवी नेताम ने उठाया मुद्दा
    फूलोंदेवी नेताम ने भी इस मुद्दे को सदन में उठाया है, जिससे यह मामला और भी जोर पकड़ गया है। श्रीमती नेताम ने कहा कि सरकार को इस मामले की गहन जांच करनी चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी कंपनियां, विशेषकर वे जो सरकारी संसाधनों का उपयोग कर रही हैं, सरकार को उचित हिस्सेदारी दें। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए ताकि सरकारी राजस्व में वृद्धि हो सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि सरकारी संसाधनों का सही उपयोग हो रहा है।
    एक यक्ष प्रश्न हैं की क्या सरकार बालको जैसी कंपनियों से हिस्सेदारी लेने के लिए नीतिगत बदलाव करेगी, या फिर इस मुद्दे को केवल चर्चा तक ही सीमित रखा जाएगा ? यह सवाल अब देश की जनता के सामने है और सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि सरकार किस प्रकार से इस मुद्दे को हल करेगी।सरकार को अपनी नीतियों में पारदर्शिता और निष्पक्षता लानी होगी, ताकि सभी को समान अवसर और लाभ मिल सके। यह केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि कंपनियों की भी जिम्मेदारी है कि वे अपने सामाजिक और नैतिक दायित्वों का पालन करें।
    इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर नजर बनाए रखना और सरकार की आगामी कार्यवाहियों का इंतजार करना न केवल आवश्यक है, बल्कि यह भी देखना महत्वपूर्ण होगा कि कैसे यह मामला भविष्य में देश की आर्थिक नीतियों और उद्योग नीति को प्रभावित करता है।