अपने उत्पादों की मार्केटिंग के लिए भरपूर प्रयास करें एफपीओ : कलेक्टर

अपने उत्पादों की मार्केटिंग के लिए भरपूर प्रयास करें एफपीओ : कलेक्टर

July 2, 2024 Off By NN Express

एफपीओ के गठन एवं संवर्धन के तहत जिला स्तरीय निगरानी समिति की बैठक हुई संपन्न

कोरबा 02 जुलाई 2024/ कलेक्टर अजीत वसंत की अध्यक्षता में केंद्र षासन के 10 हजार एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) के गठन एवं संवर्धन के तहत जिला स्तरीय निगरानी समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में संपन्न हुई। बैठक में एफपीओ से संबंधित सभी आवश्यक विषयों की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने कहा कि जिले के सभी एफपीओ को अपने उत्पादों की मार्केटिंग के लिए भरपूर प्रयास करें, जिससे ग्रामीणों, किसानों को लाभ मिल सके। इस अवसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत संबित मिश्रा, नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक संजीव प्रधान, सभी एसडीएम, कृषि, मत्स्य, उद्यानिकी, पशुपालन, एफपीओ के प्रतिनिधि आदि उपस्थित थे।


कलेक्टर ने जिले में एफपीओ को मिले लाइसेंस की समीक्षा करते हुए कृषि विभाग को निर्देशित किया कि भारत सरकार के निर्देशानुसार 15 जुलाई 2024 के पूर्व सभी एफपीओ को लाइसेंस जारी किए जाएं। बैठक में जिले में सेंट्रल सेक्टर स्कीम एवं विभागीय योजना के तहत एफपीओ के गठन एवं संवर्धन की दिशा में प्रगति लाने के निर्देश दिए। जिले में संचालित एफपीओ को वित्तीय रूप से सषक्त बनाने के लिए विभिन्न लाइसेंस, इनपुट लाइसेंस (खाद/बीज/कीटनाषक), मंडी लाइसेंस, जीएसटी लाइसेंस, एफएसएसएआई लाइसेंस जारी करने के निर्देश दिए गए। ओएनडीसी सहित अन्य ऑनलाइन मार्केटिंग प्लेटफॉर्मों पर एफपीओ की अनबोर्डिंग की स्थिति की समीक्षा की गई। इसके साथ ही विभागीय योजनाओं के अंतर्गत अभिसरण के अवसर पर चर्चा की गई। बैठक में केंद्र शासन/राज्य शासन की योजनाओं के तहत गोडाउन, कोल्ड स्टोरेज निर्माण, प्रसंस्करण आदि योजनाओं से लाभ लेकर एफपीओ के व्यवसाय विकास के संबंध में चर्चा की गई।

लखपति दीदी ’’पहल’’ के संबंध में विभागों को दिए गए आवश्यक दिशा-निर्देश –

इस दौरान सीईओ जिला पंचायत श्री मिश्रा द्वारा लखपति दीदी ’’पहल’’ के संबंध में विभाग प्रमुखों के साथ चर्चा करते हुए जिले की एनआरएलएम से जुड़ी हुई समूह की महिलाओं के आमदनी बढ़ाने हेतु उन्हें विभागीय योजनाओं से जोड़ने के निर्देश दिए। श्री मिश्रा ने बताया कि जिले की समूह से जुड़ी हुई चिन्हांकित महिलाओं को 01 लाख रूपए तक वार्षिक आय प्रदान करने हेतु कृषि, उद्यानिकी, मत्स्य, पशुपालन सहित विभिन्न योजनाओं से अभिसरण कर एवं आजीविका संवर्धन गतिविधि उपलब्ध कराने के निर्देष दिए।