नए आपराधिक कानून 99 फीसदी कॉपी और पेस्ट, कुछ बदलाव असंवैधानिक : चिदंबरम

नए आपराधिक कानून 99 फीसदी कॉपी और पेस्ट, कुछ बदलाव असंवैधानिक : चिदंबरम

July 1, 2024 Off By NN Express

नई दिल्ली । एक जुलाई यानी आज से देश में भारतीय दंड संहिता (इंडियन पीनल कोड), दंड प्रक्रिया संहिता (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (इंडियन एविडेंस एक्ट) की जगह तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) लागू हो गए हैं। जिसको लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष की तरह से प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने तीन नए आपराधिक कानूनों के लागू होने के बीच केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, आईपीसी, सीआरपीसी और एविडेंस एक्ट की जगह लेने वाले तीन आपराधिक कानून आज से लागू हो गए हैं। 90-99 प्रतिशत तथाकथित नए कानून कट, कॉपी और पेस्ट है, जो मौजूदा तीन कानूनों में कुछ संशोधनों के साथ पूरा किया जा सकता था। लेकिन इसे एक बेकार प्रक्रिया में बदल दिया गया। हां, नए कानूनों में कुछ सुधार लाए गए हैं और हमने उनका स्वागत किया है। इन्हें संशोधन के रूप में पेश किया जा सकता था।

उन्होंने आगे लिख, दूसरी ओर कई खराब प्रावधान भी हैं। कुछ बदलाव प्रथम दृष्टया असंवैधानिक हैं। जो सांसद स्थायी समिति के सदस्य थे, उन्होंने प्रावधानों पर विचार किया और तीनों विधेयकों पर विस्तृत असहमति नोट लिखे। सरकार ने असहमति पत्रों में आलोचनाओं का कोई खंडन नहीं किया या जवाब नहीं दिया तथा संसद में कोई सार्थक बहस नहीं की।

कानून के विद्वानों, बार एसोसिएशनों, न्यायाधीशों और वकीलों ने कई लेखों और सेमिनारों में तीन नए कानूनों में गंभीर कमियों की ओर इशारा किया है। सरकार ने किसी के भी सवालों का जवाब देने की परवाह नहीं की। उन्होंने आगे लिखा, मौजूदा कानूनों को खत्म करने और उनके स्थान पर बिना पर्याप्त चर्चा और बहस के तीन नए विधेयक लाने का मामला आपराधिक न्याय प्रशासन को अस्त-व्यस्त कर देने वाला होगा। तीनों कानूनों को संविधान और आपराधिक न्यायशास्त्र के आधुनिक सिद्धांतों के अनुरूप लाने के लिए उनमें और बदलाव किए जाने चाहिए।