ब्रेकिंग न्यूज़: प्रदेश में बिजली संकट, एचटीपीपी पॉवर प्लांट के बॉयलर ट्यूब लीक

ब्रेकिंग न्यूज़: प्रदेश में बिजली संकट, एचटीपीपी पॉवर प्लांट के बॉयलर ट्यूब लीक

May 24, 2024 Off By NN Express

कोरबा,24 मई 2024। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित HTPP पॉवर प्लांट की 210 मेगावाट की 4 नंबर इकाई को गुुरुवार की सुबह बॉयलर ट्यूब लीक होने के कारण बंद करना पड़ा। यह बिजली इकाई उत्पादन से बाहर हो गई है। शाम को बदल रहे मौसम से घटी डिमांड के बावजूद गुरुवार को प्रदेश में बिजली की कुल खपत का 50 फीसदी से ज्यादा बिजली निजी संयंत्रों से पूरा किया गया।

घरेलू बिजली की आपूर्ति छत्तीसगढ़ को उत्पादन कंपनी के एचटीपीपी, डीएसपीएम व मड़वा प्लांट से होती है। उत्पादन कंपनी का सर्वाधिक क्षमता का संयंत्र एचटीपीपी पॉवर प्लांट है, जिसके 210 मेगावाट की 4 नंबर इकाई उत्पादन से बाहर हो गई है।

बॉयलर ट्यूब लीकेज के कारण इकाई से बिजली उत्पादन बंद करना पड़ा। शाम को बदल रहे मौसम के कारण गुरुवार रात 8 बजे प्रदेश में बिजली की डिमांड 4858 मेगावाट रही। इस बिजली की मांग को पूर्ति करने सेंट्रल सेक्टर से 2498 मेगावाट तक बिजली लेकर आपूर्ति हुई। शाम को बदल रहे मौसम के कारण बिजली की डिमांड घटी है और 5 हजार मेगावाट के करीब बिजली की मांग बनी रही। 50 फीसदी बिजली निजी संयंत्रों से लेकर पूरा किया गया। क्योंकि एचटीपीपी पॉवर प्लांट की एक इकाई उत्पादन से बाहर हो गई है .

और अगले दो दिन तक बॉयलर में हुए ट्यूब लीकेज में सुधार कार्य चलेगा। इसके बाद ही लाइटअप हो पाएगा। इससे उत्पादन कंपनी का 210 मेगावाट अब कम बिजली उत्पादन हो रहा है। बांगो हाइडल प्लांट की एक यूनिट से भी बिजली उत्पादन किया गया। बांगो हाइडल प्लांट 120 मेगावाट क्षमता का जल विद्युत संयंत्र है, जहां 40 मेगावाट की तीन इकाई से हसदेव बांगो बांध से पानी छोड़ने पर बिजली उत्पादन होता है। मानसून सीजन में बारिश के कारण बांध का जलस्तर बढ़ने पर पानी छोड़े जाने पर तीनों इकाई का इस्तेमाल बिजली उत्पादन में अधिक होता है।

बिजली की डिमांड का पीक अवर नियोजित रखरखाव को आगे बढ़ाया बिजली की डिमांड का पीक अवर होने से संयंत्रों की ईकाइयों के नियोजित रखरखाव को मानसून आने तक आगे बढ़ा दिया है। गर्मी के मौसम में बिजली की मांग को पूरा करने यह निर्णय लिया है। ऊर्जा विनिमय के तहत अधिशेष बिजली वाले राज्य को बिजली की कमी वाले राज्यों को देने की है। ताकि शून्य लोड शेडिंग सुनिश्चित किया जा सके।