मनेन्‍द्रगढ़ के फ्लाइट लेफ्टिनेंट डी रवींद्र राव वायु सेना पदक (वीरता) से सम्मानित

August 17, 2022 Off By NN Express

मनेन्‍द्रगढ़, 15 अगस्‍त 2022। छत्‍तीसगढ़ कोरिया जिले के मनेन्‍द्रगढ़ में जन्‍मे फ्लाइंग (पायलट) डी रवींद्र राव एक फाइटर स्क्वाड्रन में तैनात हैं। वह 06 नवंबर 2021 को एक डिटैचमेंट के हिस्से के रूप में जगुआर लड़ाकू विमान को दूसरे बेस पर ले जा रहे थे। जमीन पर उतरने के बाद निरीक्षण करते समय उन्होंने एक जोरदार विस्फोट सुना और देखा कि एक दूसरा जगुआर विमान दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद फिसलकर रनवे से बाहर निकल गया। दुर्घटना स्थल पर पहुंचकर देखा कि दुर्घटनाग्रस्त विमान उल्टा हो गया है, जिसमें काकपिट की छत का एक हिस्सा टूटा हुआ था। विमान के दोनों इंजन अभी भी चल रहे थे और पायलट घायल होकर इजेक्शन सीट से बंधा हुआ था। इसी बीच दो क्रैश फायर टेंडर (सीएफटी) दुर्घटनास्थल पर पहुंच गए। फ्लाइट लेफ्टिनेंट डी रवींद्र राव बिना समय बर्बाद किए उल्टे हो चुके कॉकपिट में रेंगकर गए और इंजन को बंद करने का प्रयास किया।

इसी बीच इंजन पर छिड़का गया पानी गर्म हो गया और बड़ी मात्रा में छिड़काव किए गए सीओटू फोम ने उस सीमित स्थान में सांस लेना मुश्किल बना दिया। इसके बावजूद फ्लाइट लेफ्टिनेंट ने सभी खतरों की परवाह किए बिना बचाव अभियान जारी रखा। उन्हें फंसे हुए पायलट के पैरों तक पहुंचना पड़ा और आधी बेहोशी में पहुंच चुके पायलट को मुक्त करने के लिए लेग-रिस्ट्रेनर और जी-सूट के खुले हिस्से को हटाना पड़ा। उन्होंने पायलट को विमान से निकालने, उड़ान के दौरान पहने जाने वाले कपड़ों को हटाने, उन्हें प्राथमिक चिकित्सा देने और पायलट को क्रैश स्ट्रेचर पर बांधने में भी मदद की।

फ्लाइट लेफ्टिनेंट डी रवींद्र राव ने अपने जीवन के लिए प्रत्यक्ष खतरे का सामना करने के लिए असाधारण साहस और वीरता दिखाई। वह अपनी सामान्य ड्यूटी की जिम्मेदारियों से बहुत आगे निकलकर आधे बेहोश हो चुके पायलट के बचाव में व्यक्तिगत रूप से खुद को शामिल किया। उन्होंने बचाव अभियान को प्रभावी ढंग से पूरा करने में बचाव दल की सहायता की और मार्गदर्शन किया। असाधारण साहस के इस कार्य के लिए फ्लाइट लेफ्टिनेंट डी रवींद्र राव को वायु सेना पदक (वीरता) से सम्मानित किया गया है।