छत्तीसगढ़:  कुम्हारी बस हादसे के स्पॉट पर गाड़े गए सीमेंट पोल, खाई के किनारों पर फेंसिंग करा रहा प्रशासन

छत्तीसगढ़: कुम्हारी बस हादसे के स्पॉट पर गाड़े गए सीमेंट पोल, खाई के किनारों पर फेंसिंग करा रहा प्रशासन

April 11, 2024 Off By NN Express

दुर्ग जिले के कुम्हारी में 9 अप्रैल की रात बस हादसे में 12 लोगों की जान जाने के बाद भी जिला प्रशासन सुरक्षा को लेकर नहीं जागा है। जिस रोड पर यह हादसा हुआ वो PWD की है। हादसे के बाद भी विभाग का कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। जिसके बाद नगर पालिका ने सीमेंट पोल गाड़ दिए।

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हादसे के अगले दिन बाद खपरी रोड को बैरिकेडिंग कर बंद कर दिया गया था। इसके बाद केडिया कंपनी और नगर पालिका के कर्मचारियों ने मिलकर सड़क किनारे सीमेंट के पोल गाड़े। ये देखकर वहां के लोगों ने जमकर नाराजगी भी जताई। आरोप है कि आधे-आधे फीट के गड्ढे कर कमजोर पोल गाड़े गए।

खपरी रोड के किनारे सीमेंट के कमजोर पोल गाड़ दिए गए।

खपरी रोड के किनारे सीमेंट के कमजोर पोल गाड़ दिए गए।

स्थानीय लोगों ने जताई आपत्ति

खपरी रोड के पास रहने वाले कुंदन और अजय का कहना है कि पालिका वाले ये पोल गाड़ रहे हैं। इसका कोई मतलब नहीं है। इसमें एक बाइक भी टकराएगी तो ये टूट जाएगा। इसमें इतनी क्षमता नहीं है कि ये किसी वाहन की टक्कर को रोक सकें। 2020 में PWD ने इस रोड को अपने हैंडओवर लिया था। इसे बनाने का ऑर्डर हो गया था, लेकिन नहीं बनाया गया।

इस तरह आधे-आधे फीट गहरे गड्ढे कर पोल गाड़े गए।

इस तरह आधे-आधे फीट गहरे गड्ढे कर पोल गाड़े गए।

अंधेरा रहता है, बिजली का इंतजाम करते तो अच्छा

रहवासियों का कहना है कि रात के समय यहां काफी अंधेरा हो जाता है। इसलिए शासन प्रशासन को चाहिए कि यहां पर लाइट के पोल लगाए। यहां से पैदल, साइकल चालक से लेकर बाइक और बड़े वाहन तक गुजरते हैं। ये पहला हादसा नहीं है। पिछले साल इसी खाई में माल वाहक गाड़ी गिरी थी, जिसमें मौत हुई थी।

कुम्हारी निवासी अमित नंदेश्वर का कहना है कि सीमेंट के पोल लगाकर केवल सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है। अगर सही तरीके से काम करना है तो पहले खाई को पाटना चाहिए। उसके बाद यहां सड़क चौड़ीकरण की जानी चाहिए। अमित का कहना है कि पिछले साल भी इसी जगह पर दो गाड़ी पलटी थीं। लोगों का कहना है कि इस रोड का सबसे ज्यादा इस्तेमाल केडिया डिस्टलरी वाले करते हैं। इसलिए वे CSR फंड से इसका चौड़ीकरण कराएं और खाई को पाटें, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।