कारोबारी से 12 करोड़ की धोखाधड़ी में सूत संस्था के अध्यक्ष पर FIR

कारोबारी से 12 करोड़ की धोखाधड़ी में सूत संस्था के अध्यक्ष पर FIR

April 10, 2024 Off By NN Express

0. निर्माण कार्य करवाने और फर्जी चेक, ऋण स्वीकृति दस्तावेज देकर धोखाधड़ी करने का आरोप

इंदौर। तुकोगंज पुलिस ने रानी दुर्गावती वर्धा जिला आदिवासी सहकारी सूत गिरनी मर्यादित पोहना (वर्धा) के चेयरमैन गुलाबराव पंधारे के खिलाफ 12 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया है। आरोपित पंधारे पर निर्माण कार्य करवाने और फर्जी चेक, ऋण स्वीकृति दस्तावेज देकर धोखाधड़ी करने का आरोप है। केस में संस्था के अन्य पदाधिकारियों की भूमिका की जांच चल रही है, जो बैठक और स्वीकृति में शामिल रहे है।

डीसीपी जोन-3 पंकज पांडे के मुताबिक, फरियादी मुकेश केशरीमल जैन द्वारा शिकायत दर्ज करवाई थी। जैन की वायएन रोड़ पर श्रीधर मीडियाकान प्रा.लि कंपनी है। आरोप है कि 29 मई 2022 को उनके परिचित भारतीय राष्ट्रीय सहकारी निर्माण एवं विकास संघ मर्यादित (नई दिल्ली) के रायपुर संभाग के स्टेट मैनेजर के साथ आरोपित गुलाबराव पंधारे मिला था। पंधारे ने बताया कि ग्राम पोहना स्थित सूत धागा मील का निर्माण किया जाना है। जमीन की कीमत सैंकड़ों करोड़ रुपये और विभिन्न बैंकों से ऋण स्वीकृत हो चुका है।

पंधारे ने करीब 737 करोड़ की लागत का कार्य करना बताया। आरोपित ने यह भी कहा का निर्माण कार्य में सरकार द्वारा करोड़ों रुपये की सब्सिडी अनुदान स्वीकृत है। उसने मुकेश जैन, उनके पिता केशरीमल जैन, सहयोगी रचित खंडेलवाल और मनीष श्रीवास्तव को बैंक के फर्जी दस्तावेज भी दिखाए। आरोपित ने 7 करोड़ के सिक्यूरिटी पेटे चेक लिए और निर्माण कार्य की स्वीकृति दे दी।

7 जुलाई 2022 को संस्था और जैन की कंपनी के बीच लिखित अनुबंध भी हो गया। कार्य प्रारंभ करने के पश्चात आरोपित ने 14 और 21 करोड़ के दो चेक दिए और कहा कि बैंक में लगाते ही कैश हो जाएंगे। संस्था के पास सैंकड़ों करोड़ रुपया जमा है। लेकिन चेक लगाने पर पंधारे ने एक जुलाई 2022 को यह कहा कि वित्तिय समस्या आ गई है। उसने बैंक में पैमेंट रोक दिया। लेकिन नवंबर में ज्ञात हुआ खाते में रुपये ही नहीं थे।

जब तक निर्माण कंपनी 5 करोड़ रुपये लगा चुकी थी। इस तरह आरोपित पंधारे ने कई बार झूठे आश्वासन दिए और रुपये रोक लिए। तुकोगंज थाना में पिछले साल शिकायत करने पर आरोपित ने शपथपत्र पर लेनदेन करना स्वीकारा और कहा कि 90 दिवस में संपूर्ण भुगतान कर देगा, लेकिन रुपये न देने पर पुन: शिकायत की और मंगलवार को एफआइआर दर्ज की गई।