नेशनल लोक अदालत में आपसी सुलह एवं समझौते के आधार पर निपटाए गए पुराने प्रकरण

नेशनल लोक अदालत में आपसी सुलह एवं समझौते के आधार पर निपटाए गए पुराने प्रकरण

March 11, 2024 Off By NN Express

महासमुंद  । जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, महासमुंद, (छ0ग0) के सचिव, दामोदर प्रसाद चन्द्रा द्वारा जानकारी दी गई कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण महासमुंद के अध्यक्ष एवं जिला न्यायाधीश, अनिता डहरिया के कुशल मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में जिला न्यायालय तथा तालुका स्थित न्यायालयों में लोक अदालत के खंडपीठ के माध्यम से श्रमिक विवाद, बैंक रिकवरी प्रकरण, विद्युत एवं देयकांे के अवशेष बकाया की वसूली और राजीनामा योग्य अन्य मामले के बकाया की वसूली संबंधी प्री-लिटिगेशन मामले एवं राजस्व से संबंधित प्रकरणों का सफलतापूर्वक निराकरण किया गया।  

इसी तारतम्य में प्रकरणों में कई ऐसे सफल सुलह व समझौते के आधार पर की गई मामले है जिन्हे त्वरित सफल साकार करते हुए निराकरण किया गया। नेशनल लोक अदालत के माध्यम से पिता का पुत्र व नाती के मध्य लंबे अरसे स ेचल रहे दाण्डिक प्रकरण का भी निराकरण कराया गया। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश सरायपाली के न्यायालय में दांडिक प्रकरण क्रमांक 02/2022 अपराध धारा 294, 323, 506, 34 भादवि क प्रकरण पिता पुत्र व नाती के मध्य आपसी घरेलु विवाद के संबंध में विवाद होकर मारपीट हो जाने के संबंध में न्यायालय में तीन वर्ष से लंबित था। जिसे प्रार्थी के द्वारा अपने पुत्र एवं नाती के साथ रहने के लिए हंसी खुशी से राजी हुए। इसी प्रकार दाण्डिक प्रकरण क्रमांक 240/2022 अपराध धारा 138 प्रक्राम्य लिखत अधिनियम का प्रकरण में पक्षकारों के मध्य आपसी लेन देन की बात को लेकर विवाद के संबंध में चेक अनादरण का प्रकरण न्यायालय में तीन वर्ष से लंबित था जिसे नेशनल लोक अदालत के माध्यम से प्रार्थी के द्वारा अभियुक्त के साथ एक ही गांव के निवासी होने के कारण समझाईश के बाद सुलह समझौता कर लिया गया। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी के खंडपीठ में दा.प्र.क्र 26/2023 में एक पति पत्नी जिनका एक नवजात शिशु भी था, के मध्य मामूली वाद-विवाद इस हद तक आगे बढ़ गया था कि मामला न्यायालय के समक्ष आ गया। दोनों पक्षों को विविध सेवा प्राधिकरण से निःशूल्क विधिक सहायता योजना के तहत अधिवक्ता उपलब्ध कराया गया था। जिसे लोक अदालत में दोनों पक्षों को आपस में बिठाकर उसकी काउसलिंग कराया गया और उन्हे परिवार व दाम्पत्य जीवन के महत्व को समझाया गया। आपसी बातचीत और समझाइश के आधार पर पक्षकारों द्वारा राजीनामा कर मामला समाप्त कर लिया गया। इस प्रकार नेशनल लोक अदालत के माध्यम से एक टूटने की दर पर आ चुका परिवार फिर से खुशहाल हो उठा।