प्राचीन नगरी चंदेरी के हर एक कोने और पत्थर में बसी भारत की संस्कृति : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

प्राचीन नगरी चंदेरी के हर एक कोने और पत्थर में बसी भारत की संस्कृति : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

March 7, 2024 Off By NN Express

चंदेरी को मध्यप्रदेश में पर्यटन का केन्द्र बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जायेगी : सिंधिया

भोपाल ।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्राचीन नगरी चंदेरी के हर एक कोने और पत्थर में भारत की संस्कृति बसी है। चंदेरी के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी जायेगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अशोकनगर के चंदेरी में देश के पहले “क्राफ्ट हेण्डलूम टूरिज्म विलेज” के लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित कर रहें थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के अद्भुत व्यक्तित्व के कारण भारत की विश्व में एक विशिष्ट पहचान बनी है। भगवान श्रीराम की जय जयकार हुई है लेकिन अभी भगवान श्रीकृष्ण की मटकी फूटनी बाकी है  यशस्वी प्रधानमंत्री श्री मोदी ने महाकाल मंदिर के पास महालोक का निर्माण कर उसे विश्व प्रसिद्ध बनाया है। उनकी इस प्रेरणा का अनुसरण करते हुए प्रदेश सरकार सभी देव स्थानों को भी विकसित करेगी।

READ MORE: 9 मार्च को नेशनल लोक अदालत

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि किसानों की पशुपालन के माध्यम से आय बढ़ाने, गरीब के इलाज की उच्च स्तरीय व्यवस्था और विकास के हर कार्य करने के हर संभव प्रयास किए जायेगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने चंदेरी में विद्यार्थियों को शिक्षा का उच्च स्तर के लिये घोषणा की नई सराय और शदोरा में नए एक्सीलेंस कॉलेज खोले जायेंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने चंदेरी, मुंगावली और अशोकनगर के 301 करोड़ रूपये से अधिक के 42 विकास कार्यों का भूमि पूजन और लोकार्पण किया। इनमें 228 करोड़ रूपये से अधिक के 8 विकास कार्यों का भूमिपूजन और 72 करोड़ रूपये से अधिक के 34 विकास और जनहित के कार्यों का लोकार्पण शामिल हैं।

केंद्रीय मंत्री नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्रालय ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कहा कि महाकाल उज्जैन से चंदेरी तक संस्कृत के गौरव का इतिहास रहा है। जहां तानसेन की नगरी ग्वालियर है तो वहीं बैजू बावरा की नगरी चंदेरी है। चंदेरी को मध्यप्रदेश में पर्यटन का केंद्र बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जायेगी।  केंद्रीय मंत्री श्री सिंधिया ने प्राणपुर ग्राम में शटल चौक पर “क्राफ्ट हेण्डलूम टूरिज्म विलेज” का भ्रमण किया। उन्होंने प्राणपुर ग्राम में परंपरागत रूप से हैंडलूम कार्य कर रहे परिवारों से चर्चा की। हैंडलूम की विशेषताओं, साड़ी, सूट कपड़ो की जानकारी लेने के साथ परिवारों का पीढ़ियों से कला का संरक्षण करने के लिए बधाई देते हुए उन्हें उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी।